लाइफस्टाइल का असर पेनक्रियाज की सेहत को प्रभावित करता है. ये तो अधिकांश लोग जानते हैं कि पेनक्रियाज भी डाइजेस्टिव सिस्टम का अहम हिस्सा है. ज्यादा ऑयली किस्म का खाना, जंक फूड और स्मोकिंग जैसी आदतें पेनक्रियाज की सेहत पर बुरा असर डालती हैं. अपनी लाइफस्टाइल को बदल पाना भले ही आसान न हो लेकिन कुछ योगासन के जरिए आप आसानी से सेहतमंद रह सकते हैं. कुछ ऐसे योगासन हैं जिन्हें चंद मिनट रोज करके आप पेनक्रियाज की हेल्थ बनाए रख सकते हैं.
इन योगासन की मदद से शरीर को रख सकते हैं फिट-
1. विपरीत करनी आसन
इस आसन को करना बहुत ही आसान है. एक दीवार से सट कर लेट जाएं. अब उसी दीवार के सहारे दोनों पैरों को ऊपर की तरफ ले जाकर एकदम सीधा रखें. आपके पैर और सतह में 90 डिग्री का एंगल होना चाहिए. कम से पांच से पंद्रह मिनट तक इसी पोज में रहें. ऐसा करने से शरीर की गंदगी आसानी से बाहर निकलती है और एनर्जी बढ़ सकती है.
2. पादहस्तासन
बिलकुल सीधे खड़े हो जाएं. अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर तक ले जाएं और थोड़ा पीछे की तरफ झुकते हुए सांस छोड़ दें. अब एक बार फिर आपको आगे की तरफ झुकना है. गहरी सांस लेते हुए आगे की तरफ झुकें और उंगलियों से पैरों के अंगूठे छूने की कोशिश करें. पैरों को सीधा रखते हुए जितना झुक सकते हैं उतना ही झुकें. अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में कोई तकलीफ हो या घुटने से जुड़ी कोई परेशानी हो तो इस आसन को करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें.
3. पश्चिमोत्तासन
पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं. अब आगे की तरफ झुकते हे दोनों हाथों से पैरों के पंजों को छुएं. सिर को घुटनों के जितना करीब ला सकें, उतना करीब लेकर आएं. कम से कम पांच बार इस पूरी प्रक्रिया को दोहराएं.
4. वज्रासन
पेट से जुड़ी कई तकलीफों को कम करने या दूर करने में ये आसान कारगर है. अपने पैरों को घुटनों से पीछे की तरफ मोड़ कर बैठ जाएं. रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें. दोनों हाथों को घुटनों पर रखें. इसी पोजीशन में चंद मिनट रहें और गहरी सांस लेते रहें.
5. योगासन के फायदे
ये सभी योगासन पेट की मसल्स को पूरी तरह स्ट्रेच और रिलेक्स करते हैं. इन आसनों से लिवर और पैंक्रियाज जैसे पेट में मौजूद ऑर्गन भी दबते हैं, जिनसे उनके भीतर मौजूद टॉक्सिन्स रिलीज होते हैं और सभी ऑर्ग्नस साफ होकर हेल्दी हो जाते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.