Blindness cause in India : भारत में करोड़ों लोग रेटिना की बीमारियों से जूझ रहे हैं, और इनमें से कई तो हमारी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल से जुड़ी हुई हैं. अक्सर हमें लगता है कि आंखें तभी चेक करानी चाहिए जब कुछ दिखना कम हो जाए या दर्द हो. लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार रेटिना की बीमारियां शुरू में कोई खास लक्षण नहीं दिखातीं. ये अंदर ही अंदर हमारी आंखों को नुकसान पहुंचाती रहती हैं और जब तक हमें पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है.
अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, भारत में 1.1 करोड़ से ज्यादा लोग रेटिना से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं, जो अगर समय पर इलाज न मिले तो अंधापन दे सकती हैं.
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डायबिटीज है अंधेपन की बड़ी वजह
बता दें कि भारत में 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज के साथ जी रहे हैं. यह एक ऐसी बीमारी है, जो आंखों पर बुरा असर डालती है, इसे 'डायबिटिक रेटिनोपैथी' कहते हैं. डायबिटीज के मरीजों में अंधापन होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
रिसर्च बताती है कि करीब 17% डायबिटीज के मरीजों को डायबिटिक रेटिनोपैथी होती है और लगभग 3.6% मरीजों को तो बहुत ज्यादा गंभीर रूप से देखने में दिक्कत हो सकती है.
कई लोग, खासकर डायबिटीज के मरीज, नियमित रूप से आंखों की जांच नहीं करवाते. इसी लापरवाही के कारण जब बीमारी पकड़ी जाती है, तब तक इलाज उतना असरदार नहीं हो पाता. आंकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया के एक तिहाई ऐसे लोग हैं जिन्हें दिखाई नहीं देता या बहुत कम दिखाई देता है. ये दिखाता है कि हमें इस पर कितनी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
आंखों की कैसे करें देखभाल
- इस बड़ी समस्या से बचने का एक ही तरीका है रेग्यूलर आई चेकअप और जल्दी पहचान ही अंधेपन को रोकने का सबसे आसान तरीका है.
- अगर आपके परिवार में किसी को रेटिना की बीमारी रही है या आपको डायबिटीज है, तो आपको हर साल आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए.
- 40 साल से ऊपर के हर व्यक्ति को, खासकर अगर उसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या स्मोकिंग की आदत रही है, तो उन्हें अपनी रेटिना की जांच जरूर करानी चाहिए.
- जल्दी बीमारी का पता चलने से लेजर थेरेपी, इंजेक्शन या ऑपरेशन जैसे इलाज ज्यादा कारगर होते हैं और आपकी आंखों की रोशनी बचा सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)