World Schizophrenia Day 2024: दुनियाभर में 20 मिलियन लोग हैं इस बीमारी से पीड़ित, अच्छी डाइट और लाइफस्टाइल से हो सकता है फायदा

World Schizophrenia Day 2024: विश्व स्किजोफ्रेनिया दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे लोगों के लिए विशेषज्ञों ने कहा है कि समय पर इसकी पहचान, सही इलाज के साथ बेहतर पोषण और व्यायाम इस समस्या से बाहर आने में मदद कर सकते हैं.

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दुनियाभर में 20 मिलियन से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं.

World Schizophrenia Day 2024: विश्व स्किजोफ्रेनिया दिवस पर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे लोगों के लिए विशेषज्ञों ने कहा है कि समय पर इसकी पहचान, सही इलाज के साथ बेहतर पोषण और व्यायाम इस समस्या से बाहर आने में मदद कर सकते हैं. बता दें कि दुनिया भर में हर साल 24 मई को विश्व स्किजोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है. यह एक ऐसी गंभीर मानसिक बीमारी है, जिससे पीड़ित लोगों को अक्सर भ्रम जैसी स्थिति होती है. इस गंभीर बीमारी से दुनियाभर में लगभग 20 मिलियन से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. इस बीमारी से ग्रसित लोगों को मतिभ्रम, भ्रम, अव्यवस्थित विचार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

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मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल साकेत के मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियर साइंस डिपार्टमेंट के निदेशक और प्रमुख डॉ. समीर मल्होत्रा ने आईएएनएस को बताया, ''मानसिक स्वास्थ्य हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. दुर्भाग्य से कई मिथक और अनावश्यक जानकारी के कारण इस समस्या को और बढ़ा दिया गया है. ऐसे में लोग कई बार अपनी बीमारी को पहचानने में देर कर देते हैं. इसी भ्रम में परिवार इस बीमारी को समझने में सक्षम नहीं हो पाते.''

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स्किजोफ्रेनिया एक तरह की मानसिक बीमारी है जिसके कई तरह के उपप्रकार हैं. इस बीमारी में दो तरह के लक्षणों को देखा जाता है.

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  1. पहले लक्षणों में व्यक्ति को ऐसी चीजें दिखाई या सुनाई देती हैं,जो दूसरे नहीं देख या सुन पाते. जिसमें मतिभ्रम या भ्रम जैसी स्थिति होती है.
  2. इसके दूसरे लक्षणों में व्यक्ति खुद को बाकी दुनिया से कटा हुआ महसूस करता है और सामाजिक रूप से अलग-थलग हो जाता है.

डॉ. समीर ने कहा जेनेटिक्स के साथ पर्यावरणीय कारक भी स्किजोफ्रेनिया बीमारी के लिए जिम्मेदार हैं. डॉक्टर ने समझाया, ''स्किज़ोफ्रेनिया या संबंधित विकारों का एक मजबूत फैमिली हिस्ट्री है. हम यह भी देखते हैं कि इसमें कुछ विशेषकर औषधियों के दुरुपयोग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है. जो मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में डोपामाइन प्रवाह को बढ़ा सकती है.''

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मनस्थली की संस्थापक और निदेशक और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. ज्योति कपूर ने आईएएनएस को बताया कि खराब जीवनशैली और अपर्याप्त पोषण भी स्किजोफ्रेनिया का खतरा बढ़ा सकता है. उन्होंने कहा, "जो लोग खराब डाइट, एक्सरसाइज की कमी, अल्कोहल का सेवन और कम नींद जैसी अनहेल्दी आदतों में शामिल होते हैं. उनमें मेंटल हेल्थ का खतरा ज्यादा होता है."

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डॉक्टर ने यह भी बताया कि विशेष रूप से आवश्यक फैटी एसिड विटामिन और खनिजों में पोषक तत्वों की कमी मस्तिष्क के कार्य को खराब कर सकती है और स्किजोफ्रेनिया के लिए आनुवंशिक प्रवृत्ति को बढ़ा सकती है. इसके अलावा लंबे समय से स्ट्रेस और अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं.

डॉक्टरों ने इसके लिए संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि, पर्याप्त नींद और जोखिम को कम करने और समग्र मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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