World Mental Health Day 2023: मेंटल हेल्थ को लेकर सोशल स्टिग्मा और भेदभाव दूर करने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

World Mental Health Day 2023: मानसिक बीमारी को बताने में लोगों को झिझक महसूस होती है. इसी कलंक के कारण लोगों को किसी ऐसी चीज के लिए शर्मिंदगी महसूस होती है जो उनके नियंत्रण से बाहर है. यहां कुछ तरीके हैं जो इससे लड़ने में मदद कर सकते हैं.

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how to remove social stigma: मानसिक बीमारी को बताने में लोगों को झिझक महसूस होती है.

World Mental Health Day 2023: बहुत से लोग जो मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें कभी न कभी उनकी इस कंडिशन के लिए दोषी ठहराया जाता है. सोशल स्टिग्मा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए सबसे बुरा है. मानसिक बीमारी को बताने में लोगों को झिझक महसूस होती है. इसी कलंक के कारण लोगों को किसी ऐसी चीज के लिए शर्मिंदगी महसूस होती है जो उनके नियंत्रण से बाहर है. सबसे बुरी बात यह है कि कलंक लोगों को वह मदद मांगने से रोकता है जिसकी उन्हें जरूरत है. ऐसे लोगों के समूह के लिए जो पहले से ही इतना भारी बोझ ढोते हैं, कलंक उनके दर्द में एक अस्वीकार्य इजाफा है. मेंटल हेल्थ कम्युनिटी में हम सभी को कलंक के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है. हर दिन हर संभव तरीके से हमें कलंक के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है. यहां कुछ तरीके हैं जो इससे लड़ने में मदद कर सकते हैं.

मेंटल हेल्थ स्टिग्मा और भेदभाव को कैसे कम करें? | How to reduce mental health stigma and discrimination?

मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानें: मानसिक स्वास्थ्य के कलंक को कम करने की दिशा में सबसे जरूरी स्टेप है इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना है. यह सीखना कि मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां कैसी दिखती हैं और वे किसे प्रभावित कर सकती हैं, उनके आसपास के कुछ भय, गलतफहमी और निर्णय को कम करने में मदद मिल सकती है.

शब्दों का प्रयोग सावधानी से करें: जब हम पागल जैसे नकारात्मक जुड़ाव वाले शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो हम दूसरों की आलोचना और उन्हें कलंकित कर रहे होते हैं. हमारे बोलने के तरीके को बदलने में कुछ प्रयास करना पड़ सकता है, लेकिन ये मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के सामने आने वाले कलंक को कम करने में मदद कर सकता है.

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अभियानों में भाग लें: एनएएमआई जैसे कई मेंटल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, जागरूकता लाने में मदद करने और मेंटल हेल्थ केयर के लिए अभियान चलाते हैं. भले ही आप सीधे तौर पर शामिल नहीं हो सकते, ये अभियान मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे लोगों के बारे में जानने का एक शानदार तरीका है.

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अपनी स्टोरी शेयर करें: अगर आप मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति से जूझ रहे व्यक्ति हैं, तो कलंक को कम करने के लिए सबसे पावरफुल डिवाइज में से एक है अपनी स्टोरी शेयर करना है. मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति के साथ जीना कैसा होता है, इसके बारे में लोगों को शिक्षित करके, हम लोगों द्वारा महसूस की जाने वाली गलतफहमी को कम करने में मदद कर सकते हैं.

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मेंटल हेल्थ स्टिग्मा को दूर करने पर बने एक सांकेतिक वीडियो को डॉक्टर समीर पारिक (डायरेक्टर ऑफ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज) ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है.

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ये भी हैं कुछ स्टेप्स:

  • मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात करें.
  • खुद को और दूसरों को शिक्षित करें.
  • भाषा के प्रति सचेत रहें.
  • शारीरिक और मानसिक बीमारी के बीच समानता को प्रोत्साहित करें.
  • मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों के प्रति दया दिखाएं.
  • शर्म की जगह एंपावरमेंट को चुनें.
  • इलाज के प्रति ईमानदार रहें.
  • आत्म-कलंक को आश्रय न दें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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