World Malaria Day 2023: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मलेरिया से प्रभावित देशों से इसकी रोकथाम, पता लगाने और इलाज के लिए हाई इंपेक्ट टूल और स्ट्रेटजी की पहुंच में तेजी लाने की अपील की, ताकि यह कोई भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में न आए. डब्ल्यूएचओ की साउथ ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने विश्व मलेरिया दिवस पर कहा कि कोविड-19 संकट के साए में दुनिया मलेरिया के संदर्भ में डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल टेक्नोलॉजी स्ट्रेटजी के दो लक्ष्यों को हासिल कर पाने की स्थिति में फिलहाल नहीं है, जिसमें ग्लोबल अफेयर्स में कमी लाना और 2030 तक इससे संबंधित मृत्यु दर को 90 प्रतिशत या उससे अधिक तक कम करना शामिल है.
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2020 में मलेरिया के 24 करोड़ 50 लाख मामले
उन्होंने बताया कि 2020 में पूरी दुनिया में मलेरिया के कारण 6,25,000 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 6,19,000 मौत का था. उन्होंने बताया कि 2020 में मलेरिया के 24 करोड़ 50 लाख नए मामले सामने आए थे, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 24 करोड़ 70 लाख था.
इन देशों ने पाई है सफलता:
उन्होंने कहा कि 2020 के अंत तक साउथ ईस्ट एशिया एकमात्र डब्ल्यूएचओ क्षेत्र था, जिसने 2015 की तुलना में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की कमी हासिल की थी, जो जीटीएस के नजरिए से पहले मील का पत्थर था.
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कोविड-19 से निपटने के साथ-साथ मालदीव और श्रीलंका ने मलेरिया-फ्री देश के तौर पर अपनी स्थिति को बरकरार रखा है और इस क्षेत्र के पांच देश- भूटान, उत्तर कोरिया, नेपाल, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते, उन 25 देशों में शामिल हैं, जिन्हें वैश्विक तौर पर एक ऐसे क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है, जिनमें 2025 तक मलेरिया को खत्म करने की क्षमता है.