Brain Stroke In Women: महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम क्यों बढ़ जाता है? जानिए रिस्क फैक्टर

Brain Stroke: हाल ही में 'द स्टेट ऑफ स्ट्रोक: ए सर्वे ऑन अवेयरनेस ऑन स्ट्रोक इन अर्बन इंडिया' शीर्षक से किए गए एक सर्वे में पाया गया कि देश में 71 फीसदी पुरुषों की तुलना में केवल 68 प्रतिशत महिलाएं ही ब्रेन स्ट्रोक शब्द से अवगत थीं.

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स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जिसके लिए तुरंत चिकित्सा ध्यान देने की जरूरत होती है.

Risk Of Brain Stroke: पिछले कुछ सालों में भारत में ब्रेन स्ट्रोक के मामले खतरनाक रूप से बढ़े हैं. हाल ही में 'द स्टेट ऑफ स्ट्रोक: ए सर्वे ऑन अवेयरनेस ऑन स्ट्रोक इन अर्बन इंडिया' शीर्षक से किए गए एक सर्वे में पाया गया कि देश में 71 फीसदी पुरुषों की तुलना में केवल 68 प्रतिशत महिलाएं ही ब्रेन स्ट्रोक शब्द से अवगत थीं. यह भी देखा गया है कि ब्रेन स्ट्रोक महिलाओं की मौत का तीसरा सबसे आम कारण है. जबकि पुरुष हाई एज स्पेसिफिक स्ट्रोक रेट का अनुभव करते हैं. महिलाओं को हाई लाइफ स्पेक्टेंसी रेट के कारण अधिक स्ट्रोक की घटनाओं का अनुभव होता है.

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महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम कारक | Risk Factors For Brain Stroke In Women

1. गर्भावस्था और प्रसव: एक गर्भवती महिला को उसी उम्र की गैर-गर्भवती महिला की तुलना में ब्रेन स्ट्रोक होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है. वास्तव में गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर गर्भवती महिलाओं या उन महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख कारणों में से एक है, जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है. इसके अतिरिक्त गर्भावस्था में खून के थक्के जमने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन लेवल में उतार-चढ़ाव से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.

2. मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल दवाएं: मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ब्लड के थक्कों का कारण बन सकती है और रक्तचाप बढ़ा सकती है. इससे महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.

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3. मौखिक गर्भनिरोधक गोलियां: जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं, उनमें ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है. यह ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को दोगुना कर सकता है, खासकर हाई ब्लड प्रेशर वाली महिलाओं में.

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4. आलिंद फिब्रिलेशन: आलिंद फिब्रिलेशन (ए-फाइब) अक्सर अनियमित और बहुत तेज हृदय ताल (अतालता) होता है जिससे खून के थक्के बन सकते हैं. जबकि ए-फ़ाइब पुरुषों में भी आम है, महिलाओं को अक्सर ए-फ़ाइब का अलग-अलग अनुभव होता है और ऐसा कहा जाता है कि 75 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.

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5. माइग्रेन: महिलाओं में माइग्रेन का प्रकोप अधिक होता है. युवा महिलाओं में इस्केमिक स्ट्रोक के हाई रिस्क से जुड़े होते हैं, इसके अलावा अगर वे धूम्रपान करती हैं या गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं.

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फिर भी, इन गैर-परिवर्तनीय स्ट्रोक जोखिम कारकों में से कई के बावजूद, ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित तरीके हैं. एक हेल्दी लाइफ का नेतृत्व करने और इन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है:

1. हेल्दी डाइट: एक बैलेंस फूड प्लान को चुनें, जिसमें साबुत अनाज, नट्स, हेल्दी फैट, फल और सब्जियां शामिल हों और सोडियम में कम हो. एक बैलेंस डाइट न केवल शरीर की पोषण जरूरतों को पूरा कर सकता है बल्कि हेल्दी ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को सपोर्ट करता है.

2. नियमित रूप से व्यायाम करना: हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह वेट मैनेज करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है. यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल जैसी अन्य बीमारियों को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद कर सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है.

3. शराब और तंबाकू से बचना: शराब और तंबाकू से बचना एक हेल्दी लाइफस्टाइल का नेतृत्व करने और ब्रेन स्ट्रोक से जुड़े जोखिम कारकों को बेहतर ढंग से मैनेज करने में मदद कर सकता है.

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4. नियमित मेडिकल कंसल्टेशन: गर्भवती माताओं के लिए गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से ट्रैक और मॉनिटर करने की सिफारिश की जाती है. इसलिए, ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम और गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होने वाली अन्य जटिलताओं को समझने के लिए डॉक्टर के साथ काम करना सर्वोपरि है.

महिलाएं आमतौर पर अपने परिवार के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए अपने स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं. ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को कम करके अपने परिवार की देखभाल जारी रखने के लिए उन्हें पहले खुद के लिए ऊपर दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए. 

(डॉ अमित बत्रा मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, दिल्ली में एक न्यूरोलॉजिस्ट हैं)

अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस लेख में किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता या वैधता के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. सभी जानकारी यथास्थिति के आधार पर प्रदान की जाती है. लेख में दी गई जानकारी, तथ्य या राय एनडीटीवी के विचारों को नहीं दर्शाती है और एनडीटीवी इसके लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व नहीं लेता है.

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