Alcohol Effects on Women: हम अक्सर दोस्तों के साथ पार्टी में या किसी फैमिली गेट-टुगेदर में देखते हैं कि एक ही जितना शराब पीने के बाद भी, महिलाओं पर इसका असर जल्दी दिखने लगता है. कई लोग इसे मजाक में लेते हैं, तो कुछ इसे शरीर की कमजोरी मान लेते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे मजबूत वैज्ञानिक कारण हैं? अल्कोहल का शरीर पर प्रभाव केवल मात्रा या ब्रैंड पर निर्भर नहीं करता, यह सीधे हमारे शरीर की संरचना, केमिकल और मेटाबॉलिज्म से जुड़ा होता है.
महिलाओं और पुरुषों के शरीर में कई जैविक अंतर होते हैं और यही अंतर शराब के असर को भी बदल देते हैं. यह समझना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कई बार महिलाएं सोचती हैं कि अगर वह पी सकती है, तो मैं भी उतना ही पी सकती हूं, लेकिन शरीर हमेशा समान रिएक्शन नहीं देता.
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आज की दुनिया में जहां लाइफस्टाइल, सोशल प्रेशर और स्ट्रेस की वजह से शराब का सेवन बढ़ रहा है, वहां यह जान लेना जरूरी है कि अल्कोहल की कोई भी मात्रा वास्तव में सुरक्षित नहीं होती, चाहे पुरुष हों या महिला. इसके बावजूद, यह जानकारी आपके शरीर को समझने और जागरूक बनने में मदद करती है.
महिलाए जल्दी नशे में क्यों आती हैं? | Why Do Women Get Drunk Quickly?
1. महिलाओं में अल्कोहल मेटाबॉलाइज एंजाइम कम होते हैं
शरीर में एक एंजाइम होता है, Alcohol Dehydrogenase (ADH)—जो अल्कोहल को तोड़कर उसे शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. कई शोध बताते हैं कि महिलाओं में इस एंजाइम की मात्रा सामान्य रूप से पुरुषों की तुलना में कम होती है. इसका मतलब है कि अल्कोहल धीरे टूटता है, ज्यादा समय तक खून में बना रहता है, असर जल्दी और ज्यादा दिखता है. यही कारण है कि एक जैसी मात्रा पीने के बाद महिला को नशा ज्यादा महसूस हो सकता है.
2. महिलाओं में फैट (Fat Percentage) ज्यादा होता है
पुरुषों की तुलना में महिलाओं के शरीर में फैट प्रतिशत स्वाभाविक रूप से ज्यादा होता है. फैट अल्कोहल को एडसॉर्ब यानी जमा कर लेती है. इससे अल्कोहल शरीर में लंबे समय तक पकड़ बनाए रखता है और उसका प्रभाव देर तक बना रहता है. यानी नशा जल्दी भी आता है और उतरता भी देर से है.
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3. महिलाओं के शरीर में पानी की मात्रा कम होती है
शरीर में मौजूद पानी (Body Water Content) अल्कोहल को डायल्यूट यानी पतला कर देता है. पुरुषों के शरीर में पानी ज्यादा होता है, इसलिए अल्कोहल जल्दी मिक्स होकर गाढ़ापन कम करता है. महिलाओं में पानी की मात्रा कम होने से अल्कोहल गाढ़ा रहता है, खून में उसकी कंसनट्रेशन ज्यादा होती है. नशा तेजी से महसूस होता है.
लिंग चाहे जो भी हो, शराब सुरक्षित नहीं है:
WHO सहित कई संस्थाओं का साफ कहना है कि अल्कोहल की कोई भी मात्रा सुरक्षित नहीं है. छोटी से छोटी मात्रा भी लिवर, हार्ट, दिमाग, नींद, मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है. महिलाओं में तो ब्रेस्ट कैंसर, हार्मोनल इंबैलेंस और लिवर डिजीज का जोखिम शराब से और बढ़ सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














