Autophagy: मौजूदा समय में मेडिकल साइंस के लिए कैंसर की बीमारी और उसका इलाज सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. कैंसर को ठीक करने या उसके रोकथाम को लेकर शोध और प्रयोग के जरिए नए-नए तरीकों की खोज लगातार जारी है. इसी सिलसिले में ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में ऑटोफैगी चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. दरअसल, ऑटोफैगी मानव शरीर का एक प्राकृतिक और खुद को बचाने वाला सिस्टम है. इसके द्वारा शरीर अपनी कोशिका के क्षतिग्रस्त या निष्क्रिय हिस्सों को हटाता है और बाकी हिस्सों को कोशिका की मरम्मत के लिए रिसाइकिल करता है.
ऑटोफैगी क्या होता है?
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में न्यूट्रिशन डिपार्टमेंट के रिसर्चर्स के मुताबिक, ऑटोफैगी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को साफ करने का शरीर का अपना तरीका है, ताकि नई और स्वस्थ कोशिकाओं का फिर से उत्पादन किया जा सके. ऑटोफैगी में "ऑटो" का अर्थ है स्वयं और "फैगी" का मतलब है खाना. इसलिए ऑटोफैगी का शाब्दिक अर्थ है "स्वयं खाना" या "स्व-भक्षण". हालांकि यह ऐसा लग सकता है कि आप कभी भी अपने शरीर के साथ ऐसा नहीं होने देना चाहते, लेकिन हकीकत में यह समग्र स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है.
ऑटोफैगी शरीर को कैसे फायदा पहुंचाता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, ऑटोफैगी के माध्यम से शरीर अपनी निष्क्रिय कोशिकाओं को हटा सकता है और उनके हिस्सों को कोशिका की मरम्मत और सफाई के लिए रिसाइकिल कर सकता है. ऑटोफैगी का मकसद कोशिकाओं के मलबे को हटाना और खुद को फिर से सुचारू कार्य करने के लिए तैयार करना है.
यह शरीर के भीतर एक ही समय में रीसाइक्लिंग और सफाई दोनों है. यह शरीर के अंदर के सिस्टम का रीसेट बटन दबाने जैसी प्रक्रिया है. यह कोशिकाओं से तनावों और जहरीले पदार्थों को हटाने, जीवित रहने और अनुकूलन को बढ़ाने के लिए शरीर का अपना तरीका है.
एंटी-एजिंग के अलावा और क्या हैं ऑटोफैगी के बड़े फायदे?
ऑटोफैगी का सबसे बड़ा फायदा एंटी-एजिंग के रूप में सामने आता है. यह शरीर के समय या बढ़ती उम्र को पीछे मोड़ने और युवा कोशिकाओं को बनाने के तरीके के रूप में भी जाना जाता है. जब हमारी कोशिकाएं तनावग्रस्त होती हैं, तो हमारी रक्षा के लिए ऑटोफैगी बढ़ जाती है, जो लाइफ स्पैन को बढ़ाने में भी मदद करती है. कोशिकाओं से टॉक्सिक प्रोटीन को हटाने और बड़े पैमाने पर स्वस्थ कोशिकाओं को बढ़ावा देने से कैंसर, पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के इलाज में भी मदद मिलती है.
उपवास और कीटोजेनिक डाइट से कैसे ट्रिगर होती है ऑटोफैगी?
इसके अलावा, लंबे समय तक भूखे रहने के समय, ऑटोफैगी सेलुलर कंटेंट को तोड़कर और जरूरी फंक्शंस के लिए इसका फिर से इस्तेमाल करके शरीर को चालू रखती है. हालांकि, इसमें ज्यादा ऊर्जा लगती है और यह हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकता है, लेकिन यह हमें पोषण खोजने के लिए अधिक समय देता है.
सिलसिलेवार उपवास और कीटोजेनिक डाइट ऑटोफैगी को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं. कीटोसिस डाइट हाई फैट और कार्ब्स को कम करने के कारण उपवास के बिना भी मेटाबॉलिज्म को ठीक करने में उपवास के जैसा ही फायदा पहुंचाता है.
ऑटोफैगी के माध्यम से शरीर अपनी निष्क्रिय कोशिकाओं को हटा सकता है
कैंसर को रोकने या इलाज करने में ऑटोफैगी की भूमिका क्या है?
कैंसर को रोकने या उसका इलाज करने में ऑटोफैगी की भूमिका के कारण उस पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, शरीर में ऑटोफैगी कम होती जाती है. इसका मतलब है कि जो कोशिकाएं अब काम नहीं करती हैं या नुकसान पहुंचा सकती हैं, उन्हें कई गुणा बढ़ने का मौका मिल जाता है.
इसके ही कैंसर कोशिकाओं के रूप में बदलने का खतरा होता है. सभी कैंसर किसी न किसी तरह की जहरीले कोशिकाओं से शुरू होते हैं. अक्सर ऑटोफैगिक प्रक्रियाओं का उपयोग करके शरीर उन कोशिकाओं को पहचान करे और उन्हें हटा दे तो कैंसर को रोका जा सकता है.
कैंसर कोशिकाओं को हटाए जाने में कैसे मदद करती है ऑटोफैगी?
यही कारण है कि कुछ रिसर्चर्स इस संभावना पर विचार कर रहे हैं कि ऑटोफैगी कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है. हालांकि अभी तक इसका समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिला है, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ऑटोफैगी के माध्यम से कई कैंसर कोशिकाओं को हटाया जा सकता है. क्योंकि ऑटोफैगी शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं पर नज़र रखता है और गलत कोशिकाओं के पहचान कर उसे खत्म करने के साथ ही कोशिकाओं की मरम्मत को एक्टिव बनाकर कैंसर के जोखिम को कम करने में योगदान देता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)