नौतपा में आसमान से बरस रही है आग, 9 दिनों का Nautapa दो जून को होगा सामाप्त, जानें गर्मी से बचने के कारगर उपाय

Nautapa 2024:नौतपा आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरुआत में पड़ता है और इसे गर्मी के सबसे तपते दिनों में से एक माना जाता है. नौतपा नौ दिनों की वह अवधि है जब गर्मी अपने चरम पर होती है. यहां कुछ टिप्स बताए गए हैं जिन्हें फॉलो कर आप खुद को गर्मी से बचा सकते हैं.

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मौसम वैज्ञानिक इसे हीट वेव या लू वाले दिन भी कहते हैं.

Nautapa: उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी जारी रहेगी क्योंकि 25 मई से नौतपा शुरू हो चुका है. आज नौतपा का तीसरा दिन है. मौसम वैज्ञानिक इसे हीट वेव या लू वाले दिन भी कहते हैं. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसी जगहों पर तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है. इस बार मई में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसा लगता है जैसे सुबह-सुबह आसमान से आग बरसने लगती है. ये गर्मी का कहर 25 मई से शुरू हो चुके नौतपा का प्रकोप हो सकता है. यहां जानिए क्या है नौतपा और गर्मी से बचने के लिए कारगर उपाय.

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नौतपा क्या है? (What is Nautapa?)

नौतपा भारतीय ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण अवधि होती है. यह वह समय होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और नौ दिनों तक वहां रहता है. इस अवधि को नौतपा कहते हैं. नौतपा आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरुआत में पड़ता है और इसे गर्मी के सबसे तपते दिनों में से एक माना जाता है. नौतपा नौ दिनों की वह अवधि है जब गर्मी अपने चरम पर होती है. इसे नवताप के नाम से भी जाना जाता है. ये दिन साल के सबसे गर्म दिन भी होते हैं.

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दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो आने वाले 9 दिनों में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच सकता है. भीषण गर्मी को देखते हुए आईएमडी ने भी रेड अलर्ट जारी कर दिया है.

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किसान तकतें हैं नौतपा की राह:

मानसून की राह देखते किसान मानते हैं कि नौतपा खूब तपा तो उस साल बारिश जमकर होगी. इसके पीछे किसान पुरानी मान्यताओं को मानते हैं जिसमें कहा गया है- तपै नवतपा नव दिन जोय, तौ पुन बरखा पूरन होय.

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नौतपा को लेकर विज्ञान का क्या मत है?

हालांकि बताया जाता है कि, विज्ञान में नौतपा के इस पहलू को नहीं मानता है. यह ज्योतिष की मान्यता है. मौसम विज्ञानी हर बार बदल रहे मानसून चक्र के आधार पर इस बात को नहीं मानते. विज्ञान और ज्योतिष में नौतपा को लेकर कुछ मत अलग-अलग हैं, लेकिन ये बात दोनों ही स्वीकार करते हैं कि इस दौरान सबसे तेज गर्मी पड़ती है.

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मई के आखिर में तापमान क्यों बढ़ने लगता है?

हालांकि इसके पीछे का कारण यह बताया जाता है कि, मकर संक्रांति के बाद से सूर्य की स्थिति बदलने लगती है. सूर्य ऊपर की तरफ आता है. इससे गर्मी बढ़ने लगती है. 

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इस समय बाहर न निकलें: गर्मियों में आप जो भी काम करें, उसे सुबह और शाम के समय करने की कोशिश करें. सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर न निकलें. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को इस समय घर से बाहर न जाने दें. घर में पर्दे लगाकर रखें और हल्का भोजन करें.

खूब पानी पीते रहें: शरीर के तापमान को कम करने के लिए सबसे जरूरी है हाइड्रेटेड रहना. गर्मी के प्रभाव को बेअसर करने के लिए पूरे दिन पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, आम पना, जलजीरा पानी या लस्सी और छाछ जैसे तरल पदार्थ पीते रहें.

पूरे कपड़े पहनें: बहुत ज्यादा गर्मी और धूप से बचने के लिए सूती या होजरी कपड़े ही पहनें. गर्मियों में पूरी कमर वाले और ढीले कपड़े पहनें. इससे शरीर को गर्मी और पसीना निकलने और ठंडा रहने में मदद मिलती है. इन 9 दिनों में बच्चों को पूरे ढके सूती कपड़े पहनाएं.

छाता और चश्मा पहनें: अगर आप धूप में बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ छाता लेकर जाएं. अपनी आंखों को धूप से बचाने के लिए सनस्क्रीन लगाएं. बाहर पानी पीते रहें और अपनी आंखों को अच्छी क्वालिटी वाले धूप के चश्मे से ढक कर रखें. पसीना पोंछने के लिए सूती रुमाल या मुलायम टिशू पेपर रखें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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