मन को शांत रखना है तो रोजाना करें नाड़ी शोधन प्राणायाम, तनाव से मिलेगी मुक्ति और भी कमाल के फायदे

Nadi Shodhan Pranayama Benefits: योग और प्राणायाम का अभ्यास हमारे तन-मन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. नाड़ी शोधन प्राणायाम एक ऐसा सरल और असरदार तरीका है जो हमारे शरीर और मन दोनों को हेल्दी रखता है. आइए जानते हैं इसके कमाल के लाभ.

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Nadi Shodhan Pranayama Benefits: इस प्राणायाम के स्वास्थ्य लाभों की लिस्ट काफी लंबी है.

Nadi Shodhan Pranayama Benefits: आज के समय में तनाव, थकान और कई तरह की बीमारियां आम हो गई हैं. ऐसे में योग और प्राणायाम का अभ्यास हमारे लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. नाड़ी शोधन प्राणायाम एक ऐसा सरल और असरदार तरीका है जो हमारे शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखता है. यह प्राणायाम सांस लेने की एक खास विधि है, जिसमें हम नाक के दोनों नथुनों से बारी-बारी सांस लेते हैं. इसे 'अनुलोम-विलोम' भी कहते हैं. यह प्राणायाम हमारे शरीर के अंदर की एनर्जी को बढ़ाता है और हम तनाव मुक्त महसूस करते हैं. इसका नियमित अभ्यास शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है और मन को भी शांति देता है.

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नाड़ी शोधन प्राणायाम क्या करता है? पढ़ें स्वास्थ्य लाभ

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, नाड़ी शोधन प्राणायाम के अनेक फायदे हैं. यह मानसिक शांति और तनाव को कम करता है. जब हम नाड़ी शोधन प्राणायाम करते हैं, तो हमारे दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है. इससे दिमाग शांत होता है और तनाव कम होता है. साथ ही यह याददाश्त और ध्यान लगाने की क्षमता को भी बढ़ाता है.

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इस प्राणायाम से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे गंभीर बीमारियों का खतरा कम बना रहता है. इससे सर्दी, जुकाम और खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारियां जल्दी ठीक हो जाती हैं. शरीर के अंदर ताकत होने से हम ज्यादा समय तक हेल्दी रह पाते हैं.

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नाड़ी शोधन प्राणायाम ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है. जब हम गहरी और सही तरीके से सांस लेते हैं, तो हमारे शरीर में खून का सही बहाव होता है. यह दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है और ब्लड प्रेशर भी ठीक रहता है. इससे शरीर के हर हिस्से में पोषण और ऑक्सीजन अच्छी तरह पहुंचती है.

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यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है. नाड़ी शोधन प्राणायाम से हमारे फेफड़े हेल्दी और मजबूत होते हैं. इससे सांस लेने में आसानी होती है और दमा, एलर्जी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. फेफड़ों की अच्छी सेहत से पूरे शरीर को जरूरी ऑक्सीजन मिलती रहती है.

यह प्राणायाम हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है. इससे कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी दिक्कतें दूर होती हैं. जब पाचन ठीक रहता है तो हमारा पूरा शरीर हेल्दी और हल्का महसूस करता है.

कैसे करें नाड़ी शोधन प्राणायाम?

नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले आराम से पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें. इसके बाद दाहिने हाथ की अंगुलियों से विष्णु मुद्रा बनाएं, जिसमें अंगूठे से दाहिने नथुने को बंद करें और मध्यमा उंगलियों से बाएं नथुने को. अब दाहिने नथुने को अंगूठे से बंद करते हुए बाएं नथुने से गहरी सांस लें। इस सांस को कुछ सेकंड तक आराम से रोकें, जितना आप सहज महसूस करें। फिर बाएं नथुने को बंद कर दाहिने नथुने से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इसके बाद दाहिने नथुने से सांस लें, उसे रोकें और फिर बाएं नथुने से सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को लगातार 10 से 15 मिनट तक दोहराएं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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