Vinesh Phogat Disqualified: रातभर किया वर्कआउट, नहीं खाया खाना, बाल और नाखून तक काटे, फिर भी 100 ग्राम कम नहीं हुआ वजन

विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ओलंपिक से बाहर हो गई हैं. विनेश फोगाट के 100 ग्राम ज्यादा वजन ने रेसलिंग में पहले ओलिंपिक गोल्ड का सपना छीन लिया. रात भर टीम द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद आज सुबह उसका वजन 50 किग्रा से कुछ ग्राम ज्यादा था. विनेश के डिस्क्वालिफिकेशन ने भारतीय खेल जगत को हिला कर रख दिया है.

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मंगलवार सुबह विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) का वजन जब किया गया तो वह 49.90 किग्रा थी. जो 50 किग्रा कैटेगरी में खेलने के लिए काफी था. सेमीफाइनल तक 3 मैच खेलने के बाद उन्हें प्रोटीन और एनर्जी के लिए खाना खिलाया गया, जिससे उनका वजन 52 किग्रा तक बढ़ गया. मेडिकल टीम ने रात भर विनेश का वजन घटाने की कोशिश (Trying To Lose Weight) की. उनसे एक्सरसाइज कराई गईं, खाना नहीं दिया, बाल तक काटे गए. फिर वजह कम नहीं हुआ तो नाखून काटे गए और छोटे कपड़े तक पहनाए गए. विनेश का वजन कम हुआ, लेकिन इतनी कोशिशों के बावजूद उनका वजह 50.100 किग्रा पर अटक गया.

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क्या है कुश्ती के नियम?

कुश्ती के नियमों के अनुसार, अगर कोई पहलवान प्रतियोगिता के किसी भी दिन वजन मापने में विफल रहता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने एक बयान में कहा, "यह खेदजनक है कि भारतीय दल महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित करने की खबर शेयर कर रहा है." "रात भर टीम द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद आज सुबह उसका वजन 50 किग्रा से कुछ ग्राम ज्यादा था.

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कहां से शुरू हुआ खेल?

पहलवान विनेश फोगाट जब पेरिस ओलंपिक मुकाबलों की तैयारी कर रही थीं, तो उन्हें पहले से ही एक और चुनौती का सामना करना पड़ रहा था: अपना वजन 50 किलोग्राम से कम रखना. महिलाओं के 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल फाइनल से कुछ घंटे पहले ही उन्हें वजन मानदंड को पूरा करने में विफल रहने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उन्हें स्वर्ण पदक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांट से भिड़ना था. अयोग्य घोषित किए जाने का मतलब है कि उन्हें सेमीफाइनल में जीत के लिए रजत पदक नहीं मिलेगा. वह पहले दिन प्रतियोगिता के लिए पात्र थीं, लेकिन गुरुवार की सुबह उनका वजन 50 किलोग्राम से सिर्फ़ 100 ग्राम ज़्यादा था.

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विनेश फोगाट का वेट बन गया चुनौती:

फोगाट ने पहले 53 किग्रा वर्ग में कॉम्पिटिशन किया था, लेकिन एक अन्य पहलवान पंघाल द्वारा 53 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने के कारण उन्होंने 50 किग्रा में कॉम्पिटिशन करना पड़ा.

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पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध के कारण विनेश ने जरूरी समय गंवा दिया. उस पीरियड में पंघाल ने 53 किग्रा वर्ग में कोटा हासिल किया, जो विनेश का पसंदीदा वेट रेंज था. 29 वर्षीय खिलाड़ी के पास यह सुनिश्चित करने के लिए वेट रेंज बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था कि वह ओलंपिक की बस से न चूक जाए. फोगट ने अप्रैल में पीटीआई से कहा था, "मुझे अपना वजन बहुत बेहतर तरीके से मैनेज करना होगा. मैंने बहुत लंबे समय के बाद खुद को 50 किग्रा पर लाया है, इसलिए मैं इसे जितना हो सके उतना बनाए रखने की कोशिश करूंगी." "मेरे लिए वजन न बढ़ाना आसान नहीं है क्योंकि मेरी मसल्स बहुत ज्यादा हैं. इस वजह से मेरा वजन आसानी से बढ़ जाता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कितनी फिट हूं, मेरा वजन बढ़ता ही रहता है क्योंकि मेरी मसल्स बहुत मजबूत हैं. मेरे पास चार महीने बचे हैं और हर दिन बहुत जरूरी है," उन्होंने कहा.

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फोगाट के वजन को कम करने रातभर किया जतन:

स्वर्ण पदक मैच से पहले फोगाट के अयोग्य घोषित होने की खबर आने के बाद, पेरिस ओलंपिक में भारत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनशॉ पारदीवाला ने बताया कि उनका वजन 50 किलोग्राम से कम करने के लिए कौन से कठोर कदम उठाए गए.

डॉ. पारदीवाला ने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के शेयर किए गए एक वीडियो में कहा, "पहलवान आमतौर पर अपने नेचुरल वेट से कम वजन वाली श्रेणी में भाग लेते हैं. इससे उन्हें लाभ मिलता है क्योंकि वे कम पावरफुल रिवाइवल के खिलाफ़ लड़ रहे होते हैं. सुबह वजन करने से पहले वजन घटाने की प्रक्रिया में भोजन और पानी की सीमा शामिल होती है और इसके अलावा एथलीट को पसीना बहाना पड़ता है और यह पसीना सौना और व्यायाम से निकलता है." "इस वजन घटाने का लाभ यह है कि यह आपको हल्के वजन वाली श्रेणी में रखता है, लेकिन इससे कमजोरी और ऊर्जा की कमी होती है. इसलिए उसके बाद ज्यादातर पहलवान सीमित पानी और हाई एनर्जी वाले फूड्स के साथ कुछ मात्रा में एनर्जी लेते हैं और ये आमतौर पर वजन करने के बाद दिए जाते हैं," विनेश के न्यूट्रिशनिष्ट का मानना ​​है कि वह दिन भर में कुल मिलाकर लगभग 1.5 किलोग्राम लेती है, जो उन्हें लड़ने के लिए पर्याप्त एनर्जी देता है. कभी-कभी कॉम्पिटिशन के बाद वजन का अचानक बढ़ना भी एक कारक होती है."

विनेश को भी सेमीफाइनल के बाद 1.50 किग्रा खाना दिया:

इंडियन टीम के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ दिनशॉ पारदीवाला ने कहा, "ज्यादातर रेसलर एडवांटेज लेने के लिए अपने वजन से कम की कैटेगरी में हिस्सा लेते हैं. मैच की सुबह वजन कराने से पहले रेसलर एक्सरसाइज कर पसीना बहाते हैं, ताकि वजन कैटेगरी के हिसाब से आ सके.

सुबह एक्सरसाइज करने का नुकसान भी होता है, रेसलर कमजोरी का शिकार भी हो जाते हैं। इसलिए वजन नापने के बाद रेसलर को उनकी डाइट के हिसाब से हाई एनर्जी फुड दिया जाता है, ताकि उन्हें एनर्जी मिल सके. विनेश को भी सेमीफाइनल के बाद 1.50 किग्रा खाना दिया गया."

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बाल काटे, कपड़े छोटे किए, नहीं हुआ वजन कम:

पारदीवाला ने आगे कहा, "वेट-इन के बाद विनेश ने जो प्रोटीन और खाना खाया, उससे उनका वेट कंट्रोल में था। लेकिन सेमीफाइनल के बाद वजन उम्मीद से ज्यादा बढ़ गया, क्योंकि 3 मैच होने के कारण उसे पानी पिलाना भी जरूरी था.

कोच ने वजन कम करने के लिए विनेश से एक्सरसाइज कराना शुरू कर दिया. वह हर बार इसी प्रोसेस को फॉलो करते हैं. उन्हें यकीन था कि वजन कम हो जाएगा, लेकिन सभी कोशिशों के बावजूद विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा हो गया, जिसके चलते उन्हें डिस्क्वालिफाई होना पड़ा."

पारदीवाला बोले, "विनेश का वजन कम करने के लिए बहुत कोशिशें हुईं। उनके नाखून और बाल काटे, ड्रेस तक छोटी की, लेकिन वजन 50 किग्रा से कम नहीं हुआ."

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ओलिंपिक में वजन मापने के नियम:

ओलिंपिक रेसलिंग में पहलवानों का मैच से पहले वजन होता है और अगर रेसलर दो दिन बाउट लड़ते हैं तो दो दिन उनका वजन किया जाता है, जिस दिन बाउट होता है, उसी दिन हर पहलवान का वजन सुबह होता है.

हर वेट कैटेगरी के लिए टूर्नामेंट 2 दिन ही चलता है. इसलिए जो भी पहलवान फाइनल में पहुंचते हैं, उनका दोनों दिन वजन होता है. पहले वेट-इन के दौरान पहलवानों के पास वेट बताने के लिए 30 मिनट का समय होता है. इस 30 मिनट में कई बार वजन कर सकते हैं, लेकिन दूसरे दिन वेट-इन सिर्फ 15 मिनट का होता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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