रात में सोते हुए कोई आपका गला दबाता है! आपको स्लीप पैरालिसिस के बारे में जानना चाहिए, इसके लक्षण, कारण और इससे बचाव के उपाय

What is Sleep Paralysis: स्लीप पैरालिसिस में व्यक्ति जागते हुए भी कुछ देर के लिए अपनी मांसपेशियों को हिला नहीं पाता है. इसमें व्यक्ति की मांसपेशियां अस्थाई तौर पर लकवाग्रस्त हो जाती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
जानिए क्या होता है स्लीप पैरालिसिस

What is Sleep Paralysis: स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति जागते हुए भी कुछ देर के लिए अपनी मांसपेशियों को हिला नहीं पाता है. ऐसा नींद के दौरान या जागने के समय हो सकता है. इसमें व्यक्ति की मांसपेशियां अस्थाई तौर पर लकवाग्रस्त हो जाती हैं. स्लीप पैरालिसिस के दौरान लोग अक्सर डर और चिंता का अनुभव करते हैं. सामान्य तौर पर यह नुकसानदायक नहीं होता है और कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है.

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के मुताबिक, स्लीप पैरालिसिस का शुरुआती अनुभव लोग आमतौर पर 14 से 17 साल की उम्र में करते हैं. इसमें डरने वाली बात नहीं होती है. लाइफस्टाइल में स्ट्रेस को कम करके, भरपूर नींद लेकर और कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर का परामर्श लेकर इससे बचाव किया जा सकता है.

Also Read: क्यों आते हैं सपने, क्या असल जिंदगी से होता है इनका नाता? बुरे सपनों से बचने के लिए करें ये उपाय

Advertisement

स्लीप पैरालिसिस के लक्षण (Symptoms of Sleep Paralysis)

स्लीप पैरालिसिस का मुख्य लक्षण नींद से जागने के बाद या सोने से ठीक पहले शरीर को हिला-डुला न पाना है. व्यक्ति को लगता है कि वह अपने शरीर का कोई भी हिस्सा नहीं हिला सकता और बोलने में भी असमर्थ होता है. इस स्थिति में अक्सर सीने पर दबाव महसूस होता है. जिससे घबराहट और डर का अनुभव होता है. कुछ लोग अजीब आवाजें सुनने का अनुभव करते हैं, जैसे कोई फुसफुसा रहा हो या कोई भारी आवाज आ रही हो. इसके साथ ही, उन्हें ऐसा भी महसूस हो सकता है कि कोई उनके पास है या कमरे में कोई मौजूद है, जबकि वास्तव में कोई नहीं होता. ये लक्षण आमतौर पर कुछ सेकंड से कुछ मिनट तक रहते हैं और फिर अपने आप ठीक हो जाते हैं. लेकिन इस दौरान व्यक्ति को काफी डर लग सकता है.

Advertisement

स्लीप पैरालिसिस के कारण (Causes of sleep paralysis)

स्लीप पैरालिसिस आमतौर पर दिमाग और शरीर के बीच नींद के दौरान सामंजस्य न होने के वजह से होता है. पर्याप्त नींद नहीं लेना या सोने का समय सही नहीं होना स्लीप पैरालिसिस के खतरे को बढ़ा सकता है. पीठ के बल सोने से स्लीप पैरालिसिस का अनुभव होने की संभावना अधिक रहती है. ज्यादा स्ट्रेस और दिमागी चिंता भी इस स्थिति का कारण बन सकते हैं.

Advertisement

इसके अलावा स्लीप पैरालिसिस नार्कोलेप्सी के साथ भी हो सकता है. नार्कोलेप्सी में दिन के समय ज्यादा नींद आता है या अचानक नींद के झटके आते हैं. अगर आपके परिवार में किसी को स्लीप पैरालिसिस होता है, तो आपको भी इसका अनुभव होने की संभावना अधिक हो सकती है.

Advertisement

स्लीप पैरालिसिस का अनुभव करने वाले लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे अच्छी नींद लें, तनाव को कम करें और टाइम से सोने की कोशिश करें. अगर स्लीप पैरालिसिस की समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना सही होगा.

स्लीप पैरालिसिस से कैसे बचें (How to prevent sleep paralysis)

स्लीप पैरालिसिस को रोकने के लिए आप कुछ आसान उपाय अपना सकते हैं. सबसे पहले अच्छी नींद लें. इसके लिए समय पर सोने और जागने की आदत डालें और शांत माहौल में सोएं. रात को कॉफी और धूम्रपान से बचें, क्योंकि ये नींद की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं. अपने बिस्तर पर पीठ के बल न सोएं, बल्कि बाजू या पेट के बल सोएं.

साथ ही, नियमित व्यायाम करें और योग और ध्यान के जरिए स्ट्रेस कम करने का प्रयास करें. अगर आपको बार-बार स्लीप पैरालिसिस हो रहा है, तो किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लें. इन उपायों को अपनाकर आप स्लीप पैरालिसिस को कम कर सकते हैं.

बेहतर नींद के लिए 5 योगासन | Yoga for Better Sleep



(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
UP By Election Exit Poll: UP में जहां सबसे अधिक मुसलमान वहां SP को नुकसान | Party Politics | UP News
Topics mentioned in this article