Health Issues In Children: हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि उनका बच्चा अच्छी ग्रोथ करे और हेल्दी रहे, लेकिन बढ़ती उम्र में सही पोषण न मिलने से बच्चे कई बार हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में पेरेंट्स को टीनेजर यानी ग्रोइंग एज के बच्चों की मसल्स और बोन से जुड़ी कॉमन बीमारियों की जानकारी होनी ही चाहिए. दरअसल ग्रोइंग एज में ही बच्चे की हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है और बॉडी साइज बढ़ने के कारण मसल्स में खिंचाव होता है. ऐसे में कई दिक्कतें पैदा हो सकती हैं. चलिए जानते हैं कि टीनेज में बच्चों को मसल्स और बोन से जुड़ी किन दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
बच्चों में आम हैं ये बोन डिसऑर्डर | These Bone Disorders Are Common In Children
1) टेंडन इंजरी (Tendon Injury)
ग्रोइंग एज के बच्चों की एड़ी में दर्द होना आम बात है. जब बच्चा सुबह सोकर उठता है तो ज्यादातर वो एड़ी में दर्द की शिकायत करता है. ये दर्द टेंडन इंजरी (Achilles Tendon Injury) कहलाता है. इसमें काफ मसल्स को एड़ी की हड्डी से जोड़ने वाले टिश्यू में खिंचाव आ जाते हैं तो पैर और टखनों में दर्द के साथ एड़ी में दर्द होता है. जब बच्चा ज्यादा खेलता कूदता है और पैरों पर दबाव बनाता है तो ये दर्द होता है. इसलिए ग्रोइंग एज के बच्चों में ये दर्द अक्सर देखा जाता है.
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2) ओलिक्रेनों बर्साइटिस यानी कोहनी की सूजन
बच्चों की कोहनी के प्वॉइंट पर तरलनुमा थैली होती है जो कोहनी की मूवमेंट को आसान बनाती है. जब ये थैली इंजरी का शिकार होती है तो बच्चे की कोहनी में दर्द और सूजन की शिकायत हो जाती है. हालांकि ये कोहनी में फ्रैक्चर नहीं होता लेकिन दर्द और सूजन से कोहनी की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती है और कोहनी की मूवमेंट करने पर दर्द बना रहता है. बच्चे के खेलते समय ये दिक्कत आती है और इसे डॉक्टरी उपचार से ठीक किया जा सकता है.
3) स्पॉन्डिलाइटिस (Spondylitis)
आजकल बच्चों में स्पॉन्डिलाइटिस की शिकायत देखने को मिलती है. स्पॉन्डिलाइटिस को सर्वाइकल का दर्द भी कहते हैं जो कंधे से होता हुआ कमर तक जाता है और कभी कभी बहुत दुखता है. इस स्थिति में कंधे और कमर में जकड़न सूजन आ जाती है. बच्चे भारी स्कूल बैग लेकर स्कूल जाते हैं, गलत पोस्चर में बैठकर पढ़ना और देर तक सिर झुकाकर मोबाइल देखने की आदत इस दर्द का कारण बनती है.
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4) प्लांटर वार्ट (Plantar wart)
इस स्थिति में ग्रोइंग बच्चे के पैरों के तलवे में मस्सा या गांठ जैसी दिखती है. ये प्लांटर वार्ट कहलाता है जो त्वचा का एक घाव है जो वायरस के कारण बनता है. बच्चे का गीली गंदी जगहों पर खेलने आदि के चलते ये संक्रमण हो जाता है और अधिकतर बार कमजोर इम्यून पावर के चलते भी ये बच्चे को जकड़ लेता है.
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5) फ्लैट फुट (Flat Foot)
फ्लैट पैर आमतौर पर उन बच्चों को होता है जिनके पैर में बीच में गैप नहीं होता है. इसे पेस प्लेनस भी कहा जाता है. स्थिति में बच्चा अधिक देर तक खड़ा नहीं रह पाता और उसे पैरों में दर्द और सूजन की शिकायत रहती है. ये बीमारी जन्म के समय भी हो सकती है और बाद में भी हो सकती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.