Sheetali Pranayama Benefits: चिलचिलाती धूप, उमस और तपन के साथ देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. हालांकि, अन्य समस्याओं की तरह तन और मन को शीतल रखने का भी रास्ता प्राणायाम के पास है. जी हां! ऐसे ही एक प्राणायाम का नाम है शीतली प्राणायाम, जो गर्मियों में बेहद असरदार है. इसे गर्मी के दिनों में करने से एक-दो नहीं कई लाभ मिलते हैं. 21 जून को हर साल इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाता है. कुछ योग मन और शरीर को शांत करने का काम करते हैं. जैसा कि शीतली प्राणायाम के नाम से साफ है कि यह शीतल रखता है. यह जितना कारगर है, उतना ही सरल भी है. यह प्राणायाम एक योगिक श्वास तकनीक है, जिसमें जीभ को गोल आकार देकर या जीभ को नलिका की तरह मोड़कर हवा अंदर खींची जाती है. यह हवा शरीर में ठंडक पहुंचाती है और सांस को कंट्रोल करती है. हेल्थ एक्सपर्ट इसे रोजाना 5-10 मिनट करने की सलाह देते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं.
शीतली प्राणायाम के फायदे (Benefits of Shitali Pranayama)
1. लू से बचाव, तनाव चिंता से राहत
शीतली प्राणायाम को अपने रूटीन में शामिल कर कई लाभ उठाए जा सकते हैं. यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और लू से बचाव करता है. यह तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे दिमाग शांत होता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है.
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2. कब्ज, एसिडिटी से राहत
यह प्राणायाम पेट की गर्मी को भी शांत करता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, वात, कच्ची डकार और एसिडिटी में राहत मिलती है. जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए भी यह बेहद कारगर है. यह हार्ट को भी स्वस्थ रखता है.
3. अच्छी नींद आती है
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय शीतली प्राणायाम को रूटीन में शामिल करने की सलाह देता है. रात को सोने से पहले इसे करने से बेहतर नींद भी आती है. यह त्वचा को भी चमकदार बनाता है और गर्मी के कारण होने वाली त्वचा की समस्याओं को कम करता है.
कैसे करें शीतली प्राणायाम?
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि शीतली प्राणायाम करना बेहद सरल है. इसके अभ्यास के लिए सुबह खाली पेट शांत जगह पर बैठ जाएं. जीभ को मोड़कर हवा अंदर लें, सांस को कुछ सेकंड रोके और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें। इसे 5-10 बार दोहराना चाहिए.
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शीतली प्राणायाम गर्मियों में तन और मन को शीतल रखने का प्राकृतिक और आसान तरीका है. हालांकि, इसे करने से पहले कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए. गर्मियों में यह प्राणायाम ठीक है, लेकिन सर्दियों में इसे कम करना चाहिए। इसके अलावा, सर्दी-जुकाम या दमा के रोगियों को इसे करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)