वाशिंगटन: स्तन कैंसर कोशिकाओं की झिल्लियों में परिवर्तनशील वोल्टेज की खोज की गई है, जिससे कोशिकाओं के बढ़ने और फैलने की जानकारी का पता चलता है. इंपीरियल कॉलेज लंदन और द इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च, लंदन के नेतृत्व में किए गए शोध से हमें यह बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है कि कैंसर कोशिकाएं कैसे और कब बढ़ती हैं और कहां फैलती है.
जब कोशिकाएं कैंसरग्रस्त हो जाती हैं, तो वे बायोइलेक्ट्रिक परिवर्तनों की एक चेन से गुजरती हैं. उदाहरण के लिए, कोशिकाओं के आसपास की परत, जिसे कोशिका झिल्ली कहा जाता है, हेल्दी कोशिका झिल्ली की तुलना में अधिक सकारात्मक रूप से आवेशित हो जाती है.
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कम्युनिकेशंस बायोलॉजी में आज प्रकाशित इस नए शोध में पाया गया कि हेल्दी सेल्स की तुलना में मेम्ब्रेन वोल्टेज अधिक होने के साथ-साथ समय के साथ इसमें उतार-चढ़ाव भी होता है. स्तन कैंसर की कोशिकाएं न्यूरॉन्स की तरह व्यवहार करती हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह कैंसर कोशिकाओं के बीच एक विद्युत संचार नेटवर्क का संकेत दे सकता है जिससे भविष्य में नए उपचार संभव हो सकते हैं.
इंपीरियल के बायोइंजीनियरिंग विभाग के सह-प्रमुख लेखक डॉ अमांडा फाउस्ट ने कहा: "जब हेल्दी सेल्स कैंसर बन जाती हैं, तो उनमें होने वाले परिवर्तनों से उन्हें बढ़ने और फैलने में मदद मिल सकती है. उदाहरण के लिए, हम जानते हैं कि कुछ जीन जो सेल गुणन को कंट्रोल करते हैं, स्विच कर सकते हैं.
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"हम अभी तक नहीं जानते हैं कि कैंसर कोशिकाओं में झिल्ली का वोल्टेज क्यों उतार-चढ़ाव करता है, लेकिन इंजीनियरों और जीवविज्ञानी के रोमांचक सहयोग से सक्षम हमारी खोज और तकनीक आगे के काम के लिए दरवाजे खोलती है जो हमें कैंसर सिग्नलिंग नेटवर्क और ग्रोथ को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकती है."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)