Saffron Water for Pre-menopause: महिलाओं की जिंदगी में एक ऐसा दौर आता है जब शरीर और मन दोनों अचानक बदलने लगते हैं. बिना किसी बड़ी वजह के मूड खराब होना, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन, कभी मीठा खाने की तेज इच्छा तो कभी पेट फूलना, नींद न आना और त्वचा का बेजान दिखना ये सब समस्याएं अक्सर पेरिमेनोपॉज के दौरान सामने आती हैं. यह वह समय होता है जब शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव तेज हो जाता है और महिलाएं खुद को पहले से ज्यादा थका हुआ और असहज महसूस करने लगती हैं.
इस दौर में ज्यादातर महिलाएं दवाओं या सप्लीमेंट्स पर निर्भर होने लगती हैं, लेकिन आयुर्वेद और न्यूट्रिशन में कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय भी बताए गए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत दे सकते हैं. इन्हीं में से एक आसान और असरदार उपाय है रोजाना केसर का पानी पीना. दिखने में साधारण-सा लगने वाला यह उपाय महिलाओं के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है.
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सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा के अनुसार, पेरिमेनोपॉज या प्रीमेनोपॉज के दौरान केसर का पानी महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. केसर हार्मोनल असंतुलन को संभालने में मदद करता है और मानसिक व शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों को कम करता है.
प्रीमेनोपॉज के दौरान केसर का पानी पीने के फायदे | Benefits of Drinking Saffron Water During Perimenopause
मूड स्विंग और एंग्जायटी में राहत
पेरिमेनोपॉज के दौरान सबसे बड़ी समस्या होती है मूड स्विंग्स और एंग्जायटी. कभी बिना वजह उदासी, तो कभी बेचैनी. रिसर्च में पाया गया है कि केसर एंग्जायटी को करीब 33 प्रतिशत और डिप्रेशन के लक्षणों को लगभग 32 प्रतिशत तक कम कर सकता है, वह भी बिना किसी बड़े साइड इफेक्ट के.
केसर दिमाग में मौजूद सेरोटोनिन को सपोर्ट करता है, जिसे फील गुड हार्मोन कहा जाता है. जब हार्मोनल बदलावों के कारण सेरोटोनिन का लेवल गिरता है, तो तनाव और इमोशनल अस्थिरता बढ़ जाती है. केसर का पानी इस संतुलन को बेहतर बनाता है.
अजीब क्रेविंग्स पर भी कंट्रोल
इस समय महिलाओं में मीठा या कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीजें खाने की क्रेविंग बहुत बढ़ जाती है. इसकी वजह भी हार्मोनल बदलाव ही होते हैं. केसर का पानी इन स्ट्रेस क्रेविंग्स को रेगुलेट करने में मदद करता है और खासतौर पर मीठा खाने की तलब को कम करता है.
त्वचा की चमक लौटाने में मददगार
पेरिमेनोपॉज में एस्ट्रोजन लेवल कम होने लगता है, जिससे त्वचा बेजान, रूखी और थकी-थकी सी दिखने लगती है. केसर में मौजूद क्रोसिन और सैफ्रानल जैसे तत्व त्वचा में माइक्रो सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं. इससे त्वचा की नेचुरल ग्लो वापस आने लगती है और रंगत में सुधार दिखता है.
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पेट फूलना और पाचन की परेशानी
इस उम्र में पाचन तंत्र भी धीमा पड़ने लगता है, जिसके कारण गैस, पेट फूलना और भारीपन महसूस होता है. केसर का पानी पाचन तंत्र को शांत करता है और गैस व सूजन की समस्या में राहत देता है. इसके साथ ही यह क्रैम्प्स और असहजता को भी कम करने में सहायक है.
एंटीऑक्सीडेंट और दिमाग के लिए फायदे
केसर एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ संक्रमणों से भी बचाव करता है. ये एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को रोकते हैं, जिससे कोशिकाएं हेल्दी रहती हैं.
इसके अलावा, केसर दिमाग के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. यह याददाश्त को मजबूत करने और सोचने-समझने व निर्णय लेने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है.
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केसर का पानी कैसे बनाएं? | How to Make Saffron Water?
- केसर का पानी बनाना बेहद आसान है.
- 3-4 केसर के धागे गुनगुने पानी में डालकर रातभर भिगो दें.
- सुबह खाली पेट इसे पी लें.
- चाहें तो शाम को भी दोहराया जा सकता है.
रेगुलर और बैलेंस मात्रा में केसर का पानी पीना पेरिमेनोपॉज के दौरान होने वाली कई समस्याओं को प्राकृतिक रूप से कंट्रोल करने का सरल तरीका है. मूड स्विंग्स से लेकर त्वचा की चमक, पाचन और मानसिक शांति तक केसर का पानी महिलाओं की सेहत के लिए एक सशक्त सहारा बन सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














