पीरियड यानी मासिक धर्म लगभग हर महिला की जिंदगी में हर माह की प्रक्रिया के तहत आते हैं. हालांकि पीरियड के शुरुआती दो से तीन दिन काफी परेशानी भरे होते हैं क्योंकि इस वक्त कमर में दर्द, पेट में ऐंठन, जकड़न और अन्य कई शारीरिक परेशानियां होती है. ऐसे में कुछ महिलाएं आराम करने को तवज्जो देती हैं तो कुछ महिलाएं शरीर को एक्टिव रखने के लिए हल्की एक्सरसाइज करती है. लेकिन पीरियड के दौरान रनिंग यानी दौड़ लगाने की बात आती है तो कई लोग इसके खिलाफ हो जाते हैं क्योंकि ये थकाने वाली प्रक्रिया हो सकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई पीरियड के दौरान दौड़ लगाना सही है या गलत, चलिए जानते हैं कि पीरियड के दौरान रनिंग करने के क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं.
पीरियड के दौरान जॉगिंग के फायदे
पीरियड में दौड़ना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है. ऐसा माना जाता है कि पीरियड के दौरान आधे घंटे की रनिंग से शरीर के दर्द में राहत मिलती है और शरीर खुलता है. इतना ही नहीं पीरियड के दौरान दौड़ने से शरीर में रक्त का संचालन तेज होता है जिससे मांसपेशियों में होने वाला संकुचन दूर होता है और दर्द से राहत मिलती है.
पीरियड के दर्द में सारा दिन लेटने की बजाय अगर आप 30 मिनट के लिए जॉगिंग करती हैं या दौड़ती हैं तो इससे शरीर का दर्द और ऐंठन दूर होते हैं. पीरियड के दौरान दौड़ लगाने पर बॉडी में एंडॉर्फिन हार्मोन का लेवल बूस्ट होता है और इससे शरीर का दर्द दूर होता है. दरअसल ये हार्मोन दर्द, बेचैनी, थकावट, ऐंठन आदि को दूर करके मूड अच्छा बनाता है.
जॉगिंग के दौरान बरते ये सावधानियां
हालांकि पीरियड के दिनों में दौड़ना फायदेमंद है लेकिन इसके साथ ही कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए. जैसे कि बहुत तेज नहीं दौड़ना चाहिए, लगातार आधा घंटा नहीं दौड़ना चाहिए, हर दस मिनट पर ब्रेक लेना चाहिए, खाली पेट नहीं दौड़ना चाहिए. दौड़ने के दौरान बीच बीच में जूस, हेल्दी ड्रिंक, नारियल पानी या सिंपल पानी पीते रहना चाहिए ताकि आपके शरीर को ताकत मिलती रहे.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.