Uddiyana Bandha Yoga Benefits: उड्डियान बंध का क्या अर्थ है? उड्डियान बंध एक संस्कृत शब्द है जिसमें उड्डियान का अर्थ है 'उठना' या 'ऊपर की ओर उड़ना' और बंध का अर्थ है पकड़ना', 'कसना' या 'ताला'. इसे इसलिए कहा जाता है क्योंकि शरीर पर लगाए गए फिजिकल लॉक के कारण डायाफ्राम छाती की ओर बढ़ जाता है. उड्डियान बंध एक बहुत ही लाभकारी अभ्यास है और क्रिया योग का एक अभिन्न अंग है. यहां उड्डियान बंध योग के फायदे और इसे करने का सही तरीका बताया गया है.
उड्डियान बंध स्टेप बाई स्टेप कैसे करें? | How To Do Uddiyana Bandha Step By Step?
- सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन या सुखासन में आराम से बैठ जाएं.
- दोनों हाथों (हथेलियों) को घुटनों पर मजबूती से रखें.
- नाक और मुंह से पूरी तरह सांस छोड़ें.
- सांस को रोककर रखें.
- पेट की मांसपेशियों को ऊपर और अंदर रीढ़ की ओर खींचे.
- जब तक व्यक्ति सहज महसूस करे तब तक सांस को बाहर ही रोके रखें.
- सिर उठाएं.
- सांस छोड़ें.
- धीरे-धीरे श्वास लें और पेट की मांसपेशियों को छोड़ें.
- सामान्य स्थिति में लौट आएं.
- अगला दौर शुरू करने से पहले कुछ देर आराम करें.
उड्डियान बंध के दौरान रखें ये सावधानियां:
- उड्डियान का गंभीरता से अभ्यास करने के लिए डाइट अच्छी होनी चाहिए और कम मात्रा में ली जानी चाहिए.
- अभ्यास के दौरान घुटनों को जमीन पर मजबूती से टिका देना चाहिए.
- शुरुआत में पेट की मांसपेशियों और छाती को सिकोड़कर जितना हो सके फेफड़ों को खाली करने की कोशिश करें.
- पेट की मांसपेशियां निष्क्रिय रहनी चाहिए. अंतिम स्थिति में संकुचन की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.
- जब आप अंतिम मुद्रा छोड़ते हैं, तो सबसे पहले छाती को आराम दें और अंत में सांस लें.
- इस अभ्यास को करने से पहले पेट खाली होना चाहिए.
- इस योग मुद्रा को खाने के चार से पांच घंटे बाद करना चाहिए.
उड्डियान बंध करने की बेहतरीन पॉजिशन:
- इसे करने की सबसे अच्छी स्थिति पद्मासन, सिद्धासन या सिद्ध योनि आसन है.
- अगर उपर्युक्त आसनों में बैठने में समस्या हो तो वज्रासन का अभ्यास करना बेहतर होता है.
- उड्डियान बंध खड़े होकर भी किया जा सकता है.
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ब्रीदिंग:
- अंतिम स्थिति लेने से पहले गहरी सांस छोड़नी चाहिए.
- अंतिम पोजीशन लेते हुए सांस को बाहर रोकने की कोशिश करें.
- अभ्यास पूरा होने पर श्वास लें.
कितने समय तक करें अभ्यास?
आप तनाव का अनुभव किए बिना जितने चाहें उतने राउंड का अभ्यास कर सकते हैं.
शुरुआत करने वालों को शुरुआत में केवल कुछ राउंड करने चाहिए और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाना चाहिए.
प्रत्येक दौर की अंतिम स्थिति तब तक रोकनी चाहिए जब तक आप आराम से अपनी सांस रोक सकते हैं.
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उड्डियान बंध योग के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits Of Uddiyana Bandha Yoga
- नियमित अभ्यास एक बूढ़े आदमी को भी जवां बना सकता है.
- उड्डियान बंध पूरे शरीर को पुनर्जीवित करता है और ध्यान की अवस्थाओं की ओर ले जाने में मदद कर सकता है, जो एक बूढ़े व्यक्ति को भी युवा महसूस करा सकता है.
- पूरे पेट को स्पंज की तरह स्क्वीज किया जाता है जिससे सारा रुका हुआ खून बाहर निकल जाता है. इससे आंतरिक अंगों को पुनर्जीवित किया जाता है.
- यह बड़ी संख्या में पेट की बीमारियों जैसे अपच, कब्ज, डायबिटीज और कोलाइटिस को रोकने में मदद कर सकता है.
- अधिवृक्क ग्रंथियों को रेगुलेट किया जाता है जिससे सुस्त व्यक्ति को ऊर्जा मिलती है.
- हृदय की अच्छी मालिश की जाती है, जिससे उसकी कार्यात्मक क्षमता में सुधार होता है.
- इस क्षेत्र की शारीरिक उत्तेजना के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह कई बीमारियों से बचाता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.