मोटापा और डायबिटीज में कौन सा आटा खाना चाहिए, जो वजन और शुगर दोनों को कंट्रोल करे?

Motapa or Diabetes Mein Konsa Aata Khaye: रोटी तो हर दिन की जरूरत है, लेकिन अगर आटा सही न चुना जाए तो यही रोटी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है. इसलिए आपको चाहिए सेहतमंद और हेल्दी ऑप्शन्स जो वजन और शुगर दोनों को कंट्रोल करें.

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डायबिटीज और मोटापा है तो रोटी को चुनाव ध्यान से ही करें.

Motapa or Diabetes Mein Konsa Aata Khaye: रोटी हमारी थाली में हर दिन शामिल होती है. लेकिन, जब बात मोटापा और डायबिटीज की आती है, तो सबसे पहले सवाल उठता है कौन सा आटा खाना चाहिए? ज्यादातर लोग गेहूं का आटा ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या यह हर किसी के लिए सही है? क्या डायबिटीज में गेहूं का आटा खा सकते हैं? खासकर उन लोगों के लिए जो वजन घटाना चाहते हैं या जिन्हें डायबिटीज है? अगर आप भी मोटापे से परेशान या डायबिटीज (हाई ब्लड शुगर लेवल) से जूझ रहे हैं तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मोटापा और डायबिटीज में कौन-कौन से आटा बेहतर है और कैसे इनका इस्तेमाल करके आप अपनी सेहत को सुधार सकते हैं.

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मोटापा और डायबिटीज में गेहूं का आटा खाना सही या गलत?

गेहूं का आटा फाइबर से भरपूर होता है, लेकिन इसमें ग्लूटेन भी होता है जो कुछ लोगों को सूजन और वजन बढ़ाने की समस्या दे सकता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए गेहूं का आटा ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है, खासकर अगर यह रिफाइंड या मैदा मिला हुआ हो. अगर गेहूं का आटा लेना है तो साबुत गेहूं (Whole Wheat) का आटा चुनें, जिसमें चोकर यानी ब्रान भी हो.

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जौ का आटा कितना फायदेमंद?

जौ में बीटा-ग्लूकन नामक फाइबर होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. यह आटा कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होता है, यानी धीरे-धीरे शुगर रिलीज करता है और शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद है. मोटापा कम करने में भी मददगार है क्योंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है.

बाजरे का आटा (Pearl Millet)

बाजरा एक ग्लूटेन-फ्री अनाज है, जो डायबिटीज और वजन घटाने वालों के लिए बेहतरीन है. इसमें मैग्नीशियम और फाइबर भरपूर होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है. सर्दियों में बाजरे की रोटी शरीर को गर्म भी रखती है.

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रागी का आटा (Finger Millet)

रागी में कैल्शियम, आयरन और फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. यह ब्लड शुगर पर काबू पाने में मदद करता है और वजन घटाने में सहायक है. साथ ही साथ बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है.

सोयाबीन और चने का मिश्रित आटा

चना और सोया दोनों में प्रोटीन और फाइबर भरपूर होता है. यह आटा मसल्स को मजबूत करता है और शुगर स्पाइक्स को कम करता है. गेहूं के आटे में 20–30 प्रतिशत चने या सोया का आटा मिलाकर रोटी बनाई जा सकती है.

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कैसे करें सही आटे का चुनाव?

  • ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो तो डायबिटीज में बेहतर है.
  • फाइबर और प्रोटीन ज़्यादा हो तो वजन घटाने में मदद मिलती है.
  • ग्लूटेन फ्री या कम ग्लूटेन वाले विकल्प सूजन और पेट की समस्याओं से बचाते हैं.
  • मिश्रित आटे का प्रयोग करें जैसे गेहूं, बाजरा, चना, रागी.

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रोटी को हेल्दी बनाने के टिप्स

  • आटे में मेथी पाउडर, अजवाइन या अलसी मिलाएं.
  • रोटी को घी से चुपड़ने की बजाय तवे से ही उतारें.
  • छोटी और पतली रोटी बनाएं ताकि कैलोरी कम हो.
  • रात के खाने में रोटी की जगह सूप या दलिया लें.

मोटापा और डायबिटीज में रोटी छोड़ने की जरूरत नहीं है, बस आटे का चुनाव समझदारी से करना चाहिए. बाजरा, रागी, जौ और चने जैसे विकल्प न सिर्फ सेहतमंद हैं बल्कि स्वादिष्ट भी हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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