घर आते ही फोन पकड़ लेता है बच्चा, फोन छीनो तो रोने लगता है? यहां रहे बच्‍चों को मोबाइल से दूर रखने के 10 सुपरहिट ट्रिक

Parenting Tips | How to Stop Child Phone Addiction: क्या आपका बच्चा भी घर में रहते समय केवल मोबाइल, टीवी या अन्य गैजेट में लगा रहता है, तो हम आपको बताते हैं 10 ऐसे तरीके जिससे आप अपने बच्चों को घर पर इंगेज रख सकते हैं.

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Parenting Tips | How to Stop Child Phone Addiction: बच्चे की मोबाइल यूज करने की लत छुड़ाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स.

Parenting Tips | How to Stop Child Phone Addiction: आजकल हर मां-बाप की यही शिकायत होती है कि हमारा बच्चा मोबाइल, टैबलेट, टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप में घुसा रहता है और कोई भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करता है. खासकर जब बच्चा घर में होता है तो उन्हें गैजेट के अलावा कोई और चीज नजर नहीं आती है. ऐसे में अधिकतर लोगों का सवाल होता है कि घर पर बच्चों को किस तरह से ऑक्यूपाइड रखा जाए, ताकि वह गैजेट (Bachho ko Phone se door kaise rakhe) से दूर रहे और अपने फिजिकल और मेंटल स्ट्रेंथ पर काम कर सकें. तो चलिए हम आपको बताते हैं 10 ऐसी चीजें जो आप घर पर अपने बच्चों के साथ कर सकते हैं. तो अगर आप भी अक्सर गूगल पर ये सर्च करते हैं कि 'मैं अपने बच्चे को उसके फोन से कैसे बचा सकता हूं?' तो बिना देर करे यहां जानते हैं कि आप बच्चों को फोन से कैसे दूर रख सकते हैं.

घर पर बच्चों को इंगेज्ड रखने के तरीके | Ways to keep your child engaged at home
 

1. आर्ट एंड क्राफ्ट : बच्चों की क्रिएटिविटी को बाहर निकालने के लिए आर्ट एंड क्राफ्ट एक बेहतरीन ऑप्शन है. आप अपने बच्चों के साथ ड्राइंग, पेंटिंग, क्ले आर्ट, पेपर क्राफ्ट, सिलाई कढ़ाई, फ्रूट वेजिटेबल आर्ट, मॉडर्न आर्ट जैसी कई चीजें करके उसे इंगेज कर सकते हैं.

2. किताबें पढ़ने की आदत डालें : जरूरी नहीं कि आप अपने बच्चों को पढ़ाई की किताबें दें, आप उनमें बुक रीडिंग की हैबिट अच्छी स्टोरी बुक देकर भी कर सकते हैं. यह ना सिर्फ बच्चों में रीडिंग हैबिट डेवलप करेगा, बल्कि ये उसकी इमेजिनेशन को भी इंप्रूव करेगा.

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3. खाना बनाने और घर के काम में मदद लें : जब आपका बच्चा घर पर हो तो जरूरी नहीं कि आप उसे पैंपर करते रहे और सारी चीजें हाथ में लाकर दें. आप घर के छोटे-मोटे काम में उसकी मदद ले सकते हैं, सब्जी काटने से लेकर बाजार से सामान लाने तक या घर की सफाई में उसकी हेल्प लें. यह बच्चे में बराबरी की भावना डेवलप करता है.

4. डीप थिंकिंग : बच्चों की थिंकिंग लेवल बढ़ाने के लिए आप उन्हें जिगसॉ पजल, रूबिक क्यूब, ब्रेन गेम्स, वर्ड गेम्स, क्रॉसवर्ड पजल, मैथ एंड लॉजिकल पजल और सुडोकू जैसे गेम दे सकते हैं. यह उनके दिमाग की एक्सरसाइज करवाते हैं और थिंकिंग लेवल को बढ़ाते हैं.

5. एक्सपेरिमेंट : कई बच्चों को एक्सपेरिमेंट करने का बहुत शौक होता है, ऐसे में आप छोटी-छोटी चीज देकर अपने बच्चों को एक्सपेरिमेंट करने दें. साइंस टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई, घर के समान से जुड़ी हुई या फिर किसी भी प्रोडक्ट को रिसाइकल करने के लिए उन्हें एक्सपेरिमेंट करने के लिए मोटिवेट कर सकते हैं.

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6. फ्री प्ले : जरूरी नहीं कि आप अपने बच्चों को हमेशा एक रूटीन में बांध के रखें, उसके लिए फ्री प्ले यानी कि अपने मन से कुछ करने की आजादी भी होनी चाहिए. यह बच्चों को क्रिएटिव बनाती है और उनके दिमाग के विकास में भी मदद करती है.

7. गेम्स बोर्ड : चेस गेम से लेकर कैरम बोर्ड, अंताक्षरी, डम शराड जैसे गेम बच्चों को न सिर्फ इंगेज रखते हैं, बल्कि फैमिली के साथ एक अच्छा बॉन्ड क्रिएट करने में मदद करते हैं.

8. हॉबी : अपने बच्चों को किसी हॉबी में इंवॉल्व करना उसे इंगेज रखने का एक बेहतर तरीका है. आप उसे सिंगिंग, डांसिंग, स्विमिंग, पेंटिंग जैसी हॉबीज में इंवॉल्व कर सकते हैं.

9. इमेजिनरी प्ले : अक्सर आपने देखा होगा बच्चों को कि वह घर में घर-घर, डॉक्टर या अन्य इमेजिनरी गेम खेलते हैं उन्हें ऐसा करने दे, क्योंकि यह उनकी इमेजिनेशन को बढ़ाते हैं और उन्हें क्रिएटिव बनाते हैं.

10 . सिंगिंग : म्यूजिक एक ऐसी थेरेपी है जो मूड को फ्रेश करती है. यह सिर्फ बड़ों के लिए नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी स्ट्रेस बस्टर का काम करती है. ऐसे में आप अपने बच्चों को सिंगिंग में इंवॉल्व कर सकते हैं या उसके साथ ऐसे ही कराओके में गाना गा सके उसको एंजॉय करवा सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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