कितने प्रकार की होती है मिर्गी? क्या हर मिर्गी के लक्षण और कारण अलग होते हैं? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Types Of Epilepsy: मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जिसे समय रहते पहचानने और इलाज करने की जरूरत होती है. मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों को सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि उन्हें सही इलाज मिल सके और वे अपनी जिंदगी सामान्य रूप से जी सकें.

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Epilepsy: मिर्गी की सही पहचान और ट्रीटमेंट जरूरी है.

Types Of Epilepsy: मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जो ब्रेन में अनकंट्रोल इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी के कारण होती है. इसके कारण शरीर में दौरे आते हैं, जो ब्रेन के काम करने के फंक्शन को प्रभावित करते हैं. मिर्गी का इलाज संभव है, लेकिन इसकी सही पहचान और ट्रीटमेंट जरूरी है. यह बीमारी न सिर्फ फिजिकली बल्कि मेंटली भी प्रभावित करती है. इस लेख में पढ़ें कि डॉक्टर नेहा कपूर ने मिर्गी के बारे में क्या कहा. साथ ही मिर्गी कितने प्रकार की होती है? क्या हर एक का अपना अलग कारण, पहचान और इलाज तरीका होता है? यहां जानिए.

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मिर्गी के प्रकार (Types of Epilepsy)

मिर्गी के दौरे कई प्रकार के हो सकते हैं. यह दौरे व्यक्ति के ब्रेन के किस हिस्से में होते हैं, इसके आधार पर बांटा जाता है. मिर्गी को मुख्य रूप से चार श्रेणियों में बांटा जा सकता है -

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1. जनरलाइज्ड मिर्गी
2. फोकल मिर्गी
3. ज्वाइंट नॉर्मलाइज्ड और फोकल मिर्गी
4. अज्ञात मिर्गी

हर प्रकार के दौरे के लक्षण और प्रभाव अलग होते हैं. आइए अब विस्तार से समझते हैं इन चारों प्रकारों को.

1. सामान्यीकृत मिर्गी (Generalized Epilepsy)

जनरलाइज्ड मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति को नॉर्मल दौरे होते हैं. ये दौरे ब्रेन के दोनों ही हिस्सों को प्रभावित करते हैं, यानी ब्रेन के दाएं और बाएं हिस्सों में अनकंट्रोल्ड इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी होती है. 

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नॉर्मलाइज्ड दौरे दो प्रकार के होते हैं-

- मोटर दौरे: इसमें शरीर के अंगों में झटके और ऐंठन होती है. मांसपेशियां सख्त हो सकती हैं, जिससे व्यक्ति का शरीर अकड़ सकता है.
- गैर-मोटर दौरे: इनमें फिजिकल झटके नहीं होते, लेकिन व्यक्ति अचानक अपनी गतिविधि में रुकावट महसूस कर सकता है. जैसे कि व्यक्ति अचानक से घूरने लगे या पलकों का फड़कना.

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जनरलाइज्ड मिर्गी के दौरे आमतौर पर बचपन में शुरू होते हैं, लेकिन यह एडल्ट्स को भी प्रभावित कर सकता है. इसके लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज करवाना जरूरी है.

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2. फोकल मिर्गी (Focal Epilepsy)

फोकल मिर्गी में दौरे ब्रेन के सिर्फ एक हिस्से को प्रभावित करते हैं. ये दौरे अक्सर एक छोटे हिस्से से शुरू होकर धीरे-धीरे ब्रेन के दूसरे हिस्सों तक फैल सकते हैं. 

फोकल मिर्गी के दौरे आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं:

- मोटर लक्षण: जैसे मांसपेशियों में ऐंठन, झटके या बार-बार हरकतें (जैसे ताली बजाना, चबाना). 
- गैर-मोटर लक्षण: इसमें व्यक्ति को कोई फिजिकल परेशानी नहीं होती, लेकिन मेंटली कंडिशन में बदलाव आ सकता है, जैसे भ्रम या अनहोनी भावनाओं का अनुभव.

यह दौरा अक्सर आभा (aura) के रूप में शुरू होता है, जो एक वॉर्निंग साइन के रूप में काम करता है, जैसे पेट में बेचैनी या उलझन जैसा फील होना.

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3. संयुक्त सामान्यीकृत और फोकल मिर्गी (Combined Generalized and Focal Epilepsy)

इस प्रकार की मिर्गी में व्यक्ति को दोनों प्रकार के दौरे - जरनलाइज्ड और फोकल दौरे का एक्पीरिएंस हो सकता है. इसका मतलब यह है कि ब्रेन के दोनों हिस्से प्रभावित हो सकते हैं और दौरे के लक्षणों का मिश्रण हो सकता है. यह प्रकार आमतौर पर एक रेयर कंडिशन होती है, जो खासतौर से ड्रेवेट सिंड्रोम से जुड़ी होती है. यह एक गंभीर मिर्गी है, जो आमतौर पर जन्मजात होती है और इसे एक विशेष जीन में म्यूटेशन के कारण देखा जाता है. इसके लक्षणों में झटके, मांसपेशियों का ऐंठन और ब्रेन डेवलपमेंट में देरी भी शामिल हो सकती है.

4. अज्ञात मिर्गी (Unknown Epilepsy)

अगर डॉक्टर यह पता नहीं लगा पाते कि दौरे कहां से शुरू हो रहे हैं, तो उस कंडीशन को अज्ञात मिर्गी कहा जाता है. अज्ञात मिर्गी में व्यक्ति को ब्रेन के अलग-अलग हिस्सों में अनकंट्रोल इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का एक्सपीरिएंस हो सकता है और इसके कारण और लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं.

अज्ञात मिर्गी में आमतौर पर मोटर लक्षण होते हैं, जैसे कि टॉनिक-क्लोनिक दौरे (पहले जिसे ग्रैंड-माल दौरे कहा जाता था). इस प्रकार के दौरे में शरीर अकड़ता है, व्यक्ति की चेतना चली जाती है और शरीर में तेज झटके आते हैं. कभी-कभी व्यक्ति को यूरेनरी ब्लैडर या बॉवेल कंड्रोल की समस्या भी हो सकती है.

इसके अलावा, अज्ञात मिर्गी में गैर-मोटर लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे खाली घूरना या स्पीड में रुकावट आना.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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