Health Tips: बैठे-बैठे पैर हिलाने की है आदत तो हो जाएं अलर्ट, हो सकता है इस बीमारी का संकेत

Shaking Legs: बैठे बैठे पैर हिलाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन प्रमुख 2 कारण चिंता और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम हैं. किसी चीज की टेंशन होने पर हम पैनिक हो जाते हैं जिससे एंग्जाइटी हो सकती है और आपके पैर हिलना शुरू हो सकते हैं.

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Shaking Legs: कुर्सी पर बैठकर अगर आप भी हिलाते हैं पैर तो ये जानना है आपके लिए जरूरी.

ज्यादातर लोगों को आपने बैठे हुए पैर हिलाते देखा होगा. कुछ लोगों को तो इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि उनके पैर कब अपने आप हिलने लग जाते हैं,  क्योंकि यह उनकी आदत में शुमार हो चुका होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा लगातार करना किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. आप जिसे बहुत ही सामान्य सी आदत मान रहे हैं यह किसी बीमारी को न्योता दे सकता है. जी हां आपने सहीं पढ़ा, ऐसा करना कोई बड़ी बीमारी का इंडिकेशन हो सकता है. चलिए इस खबर के जरिए आपको उन बीमारियों के बारे में बताते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं इसके पीछे का कारण क्या है. 

बैठे बैठे पैर हिलाने के कारण- Shaking Legs Cause:

1. चिंता का संकेत होता है बैठे बैठे पैर हिलाना 

बैठे बैठे पैर हिलाने के पीछे कई कारण होते हैं लेकिन प्रमुख 2 कारण चिंता और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम हैं. किसी चीज की टेंशन होने पर हम पैनिक हो जाते हैं जिससे एंग्जाइटी हो सकती है और आपके पैर हिलना शुरू हो जाते हैं. वहीं रेस्टेलस लेग सिंड्रोम एक ऐसा सिंड्रोम है जो महिला पुरूष दोनों में पाया जाता है और कई बीमारियों को इंडिकेट कर सकता है. 

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क्या है रेस्टलेस लेग सिंड्रोम?

यह सिंड्रोम शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है. जब हमारे बॉडी पार्ट्स में पेन होने लगता है तो हम पैरों को हिलाना शुरू कर देते हैं. पैर हिलाने से हमे थोड़ी राहत मिलती है. जब ये दर्द बार बार होने लग जाए तो समझ जाएं आपको रेस्टलेस लेग सिंड्रोम है. रेस्टेलस लेग सिंड्रोम जेनेटिक होता है. यह एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन में ट्रांसफर होता है. ऐसे में अगर आपको पैर हिलाने की आदत है तो इसे आप आज ही छोड़ दें. 

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इस सिंड्रोम का इलाज-

इसके लिए आप फिजियोथेरिपिस्ट से ट्रीटमेंट ले सकते हैं. मसल्स स्ट्रेचिंग कर सकते हैं साथ ही योग करने से भी इस सिंड्रोम से छुटकारा मिल सकता है. इसके अलावा अगर आप रोजाना एक्सरसाइज करते हैं और प्रॉपर लेग का मूवमेंट होता है तो भी आप इस सिंड्रोम से खुद को बचा सकते हैं. इसके लिए कोशिश करें कि जब भी आप बैठे हैं तो आप पैर ना हिलाएं क्योंकि ऐसा आप कुछ दिन करते हैं तो आप की आदत बदल सकती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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