Gap Between Fruits And Food: खाने के साथ फल और सलाद खाना हो सकता है नुकसानदायक, आयुर्वेद के ज्ञाता से जानिए दोनों के बीच कितना होना चाहिए गैप

खाने के साथ फल और सलाद खाना आयुर्वेद के हिसाब से नुकसान पहुंचाता है. इसलिए एनडीटीवी ने आयुर्वेद के ज्ञाता वैद्य राम अवतार से जाना फल, सलाद और खाने के बीच कितना गैप रखना सही माना जा सकता है.

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खाने के कितनी देर बार खाना चाहिए फल या सलाद? जानें

Gap Between Fruits, Salad And Food: बहुत से लोगों को खाने के साथ कच्ची सलाद खाना बहुत पसंद होता है. लोग अक्सर जब खाना खाते हैं तो उन की थाली में कच्ची गाजर, ककड़ी, मूली, प्याज या टमाटर जरूर होते हैं. कुछ लोगों को खाने के साथ फ्रूट्स खाने का कॉम्बिनेशन बहुत पसंद आता है. इसलिए लोग खाने के साथ ही फल भी लेकर बैठ जाते हैं. ये सोचने में बहुत हेल्दी या डाइट के लिए एक फायदेमंद ऑप्शन लग सकता है. लेकिन आयुर्वेद में इस तरह की प्रेक्टिस की सख्त मनाही है. बल्कि खाने के साथ फल और सलाद खाना आयुर्वेद के हिसाब से नुकसान पहुंचाता है. इसलिए एनडीटीवी ने आयुर्वेद के ज्ञाता वैद्य राम अवतार से जाना फल, सलाद और खाने के बीच कितना गैप रखना सही माना जा सकता है.

फल, सलाद और खाने के बीच गैप| Gap Between Fruits, Salad And Food

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कितना गैप रखना है सही

वैद्य राम अवतार के मुताबिक अगर सलाद और फल खाने हैं तो इसे खाने यानी कि मेन कोर्स से कम से कम एक घंटा पहले खा लेना चाहिए. अगर एक घंटे का समय निकाल पाना मुश्किल हो तो कम से कम आधे घंटे का अंतर रखा ही जाना चाहिए. इस बारे में वैद्य राम अवतार कहते हैं कि आसान तरीके से इसे यूं समझना चाहिए कि जो चीज आसानी से पचने वाली है उसे पहले खाना चाहिए और जो चीज पचने में समय लेती है उसे बाद में खाना चाहिए. इसी तरह लंच या डिनर और ब्रेकफास्ट में भी कम से कम तीन तीन घंटे का अंतराल जरूर होना चाहिए.

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गैप रखने के फायदे

वैद्य राम अवतार ने बताया कि फल, सलाद और खाने के बीच सही गैप रखने से पाचन की क्रिया यानी कि डाइजेशन बिलकुल ठीक रहता है. खासतौर से वो लोग जो डाइटिंग कर रहे हैं या वजन घटाने की कोशिश में जुटे हैं, उन्हें इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए. फल, सलाद और खाने में सही गैप होने से मोटापा बढ़ने का भी खतरा कम होता है. साथ ही गैस और एसिडिटी की शिकायत भी नहीं होती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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