नॉर्मल स्पर्म काउंट लेवल क्या होता है? क्या जीरो स्पर्म काउंट में भी महिला गर्भवती हो सकती है? डॉक्टर से जानें इसका जवाब

Normal Sperm Count : स्पर्म काउंट के नॉर्मल लेवल के बारे में जानना किसी भी मेल के लिए रिप्रोडक्टिव हेल्थ (प्रजनन स्वास्थ्य) को समझने के लिए जरूरी है. हालांकि, सिर्फ स्पर्म काउंट का ज्यादा होना रिप्रोडक्टिव केपेसिटी का संकेतक नहीं है. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

Normal Sperm Count : स्पर्म काउंट से जुड़े कई सवालों के जवाब अक्सर आम लोगों के मन में होते हैं, खासकर उन व्यक्तियों के जो संतान सुख प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि नॉर्मल स्पर्म काउंट का क्या मतलब है और इसे किस तरह से मापा जाता है. अगर आपको संतान प्राप्ति में समस्या हो रही है, तो यह जरूरी है कि आप स्पेशलिस्ट से सलाह लें ताकि सही इलाज और निदान मिल सके. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं डॉक्टर राजीव सेटिया से.

स्पर्म काउंट का नॉर्मल लेवल

स्पर्म काउंट या शुक्राणु की संख्या एक मेल के सैमन सैंपल में पाए जाने वाले शुक्राणुओं की संख्या को दर्शाती है. सामान्य तौर पर, एक सैमन सैंपल में शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से ज्यादा होनी चाहिए. इस संख्या को सामान्य माना जाता है और इसे पुरुष की रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी के लिए एक जरूरी इंडिकेटर माना जाता है. 

लेकिन, यह संख्या अकेले इस बात की गारंटी नहीं है कि कोई पुरुष रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी में पूरी तरह सक्षम है. स्पर्म काउंट के अलावा भी कई दूसरे पैरामीटर होते हैं जिन्हें स्पर्म टेस्ट में देखा जाता है. इनमें सबसे जरूरी हैं - शुक्राणुओं की गतिशीलता (मोटिलिटी) और उनकी संरचना (मॉर्फोलॉजी). 

स्पर्म काउंट और उसकी गतिशीलता

जैसा कि पहले बताया गया, सिर्फ स्पर्म काउंट का ज्यादा होना ही रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी का प्रमाण नहीं होता. अगर स्पर्म्स की मोटिलिटी कम है या शुक्राणु मर चुके हैं तो यह स्थिति रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी को प्रभावित कर सकती है. मोटिलिटी की चार प्रमुख श्रेणियां होती हैं

Advertisement


1. प्रोग्रेसिव मोटाइल (जो आगे बढ़ रहे हैं)
2. नॉन-प्रोग्रेसिव मोटाइल (जो किसी दिशा में नहीं बढ़ रहे)
3. नॉन-मोटाइल (जो बिल्कुल भी नहीं हिल रहे)
4. एक्टिव प्रोग्रेसिव मोटाइल (जो सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं)

इसलिए, स्पर्म काउंट के साथ-साथ इन पैरामीटरों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है.

Advertisement

Male Infertility: कितना होना चाहिए Sperm Count, Dr से जानें शुक्राणु कैसे बढ़ाएं | Watch Video

Advertisement

क्या हाई स्पर्म काउंट होने पर रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी की गारंटी होती है?

यह सवाल बहुत से लोगों के मन में होता है. जब एक व्यक्ति का स्पर्म काउंट हाई होता है तो यह जरूरी नहीं कि वह व्यक्ति पूरी तरह से रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी से लैस हो. अगर स्पर्म्स की मोटिलिटी कम है या पूरी तरह से गतिहीन हैं तो वह व्यक्ति फिर भी संतान प्राप्ति में सक्षम हो सकता.

इसके अलावा, कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जहां स्पर्म की संख्या तो सामान्य होती है लेकिन फिर भी रिप्रोडक्टिव में समस्या आती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति में "एजोस्पर्मिया" नामक स्थिति है, तो उसका इजेकुलेट तो सामान्य हो सकता है लेकिन उसमें शुक्राणु नहीं होते. ऐसे में पुरुष इजेकुलेट करता है लेकिन उसमें कोई भी शुक्राणु नहीं होते और इसे इनफर्टिलिटी का कारण माना जाता है. 

Advertisement

Also Read: यूरिन में झाग आना कैसे बंद करें? खराब किडनी का लक्षण हो सकता है झागदार पेशाब, जानें कारण, लक्षण और इलाज

पोटेंसी और फर्टिलिटी में अंतर

यह समझना भी बहुत जरूरी है कि पोटेंसी और फर्टिलिटी में अंतर होता है. पोटेंसी का मतलब है कि व्यक्ति यौन रूप से सक्रिय है और वह इजेकुलेट कर सकता है. जबकि फर्टिलिटी का मतलब है कि व्यक्ति के पास पर्याप्त हेल्दी स्पर्म होते हैं जो गर्भाधान में सहायक हो सकते हैं. इस तरह से एक पुरुष की पोटेंसी पूरी हो सकती है, लेकिन वह संतानोत्पत्ति के लिए सक्षम नहीं हो सकता अगर उसकी स्पर्म क्वालिटी सही नहीं है.

क्या जीरो स्पर्म काउंट से गर्भवती होना संभव है?

कुछ लोग यह सोचते हैं कि क्या शून्य (0) स्पर्म काउंट होने पर भी प्रेगनेंसी संभव है. इसका उत्तर हां, एक विशेष परिस्थिति में संभव है. अगर किसी व्यक्ति का स्पर्म काउंट बिलकुल 0 है और उसमें शुक्राणु नहीं हैं, तो इसके बावजूद आईवीएफ (IVF) जैसी तकनीकों के माध्यम से प्रेगनेंसी प्राप्त की जा सकती है. इसके लिए स्पर्म डोनेशन की प्रोसेस का सहारा लिया जा सकता है. 

स्पर्म काउंट की जांच के दौरान क्या ध्यान रखें?

स्पर्म काउंट की जांच के दौरान कुछ विशेष बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए.
1. सैमन सैंपल को कलेक्ट करने के लिए पूरी तरह से स्वच्छता बनाए रखें.
2. जांच से पहले कुछ दिन के लिए यौन संबंधों से बचें ताकि सैमन सैंपल की क्वालिटी सही हो.
3. किसी भी प्रकार के तनाव से बचने की कोशिश करें क्योंकि यह भी स्पर्म्स की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Trump Tariff War | मेरे हिसाब से 10% से 15% टैक्स लगने का डर है: SC Ralhan | Reciprocal Tariff