How Fast Food Affects Children's Health: डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि चीनी, नमक और अनहेल्दी फैट से भरपूर जंक फूड छोटे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं. गौरतलब है कि जंक फूड या फास्ट फूड आजकल बच्चों के खान-पान का एक आम हिस्सा बन गया है. इसमें पोषक तत्वों की कमी होती है. यह वजन बढ़ने और मोटापे का कारण भी माना जाता है. इसके सेवन से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और कैंसर का खतरा भी रहता है.
इसके अलावा जंक फूड बच्चों के व्यवहार और मूड पर भी असर डाल सकता है. अध्ययनों से पता चला है कि फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थों से भरपूर डाइट से व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इनमें हाइपरएक्टिविटी, अटेंशन डिफिसिट डिसऑर्डर (एडीडी) और अवसाद भी शामिल है.
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जंक फूड का खतरनाक प्रभाव:
मेंटल हेल्थ और बिहेवियर साइंस, मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अमिताभ साहा ने बताया, "जंक फूड बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है. इसका बहुत ज्यादा सेवन, पोषक तत्वों की कमी और असंतुलन का कारण बन सकता है."
उन्होंने कहा, "यह एकाग्रता, कॉग्नेटिव फंक्शन और मनोदशा को प्रभावित कर सकता है. अंततः बच्चे का समग्र मानसिक स्वास्थ प्रभावित हो सकता है."
चिंता और अवसाद का खतरा:
बीएमजे में प्रकाशित एक अध्ययन में, ज्यादा मात्रा में तैयार भोजन, शुगरी सीरियल्स और फिजी ड्रिंक्स के सेवन से चिंता और अवसाद का खतरा बताया गया है.
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सर गंगा राम अस्पताल के कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन, डॉ. ऋषिकेश देसाई ने कहा, "कैफीन युक्त फास्ट फूड और कार्बोनेटेड शीतल पेय में शुगर की मात्रा ज्यादा होती है. इससे शरीर में क्षण भर के लिए शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और फिर तेजी से शुगर का लेवल कम हो जाता है, इससे बच्चों में चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव होता है."
विशेषज्ञों ने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए उन्हें पूरी तरह से बैलेंस डाइट खिलाने का आह्वान किया. इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि शामिल होना चाहिए. उन्होंने बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज में शामिल होने और खेल खेलने की भी सलाह दी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)