बढ़ते प्रदूषण में दिल की सेहत का ख्याल रखने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स, अपने हार्ट को रखें हेल्दी

Air Pollution And Heart Disease: प्रदूषण की वजह से हृदय काफी प्रभावित होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डाटा के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल करीब 42 लाख लोगों की मौत आउटडोर एयर पॉल्यूशन की वजह से होती है.

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Air Pollution And Heart Health: हर साल करीब 42 लाख लोगों की मौत आउटडोर एयर पॉल्यूशन की वजह से होती है.

Tips For Healthy Heart: भारत में सर्दियों के मौसम ने दस्तक दे दी है और इसी के साथ धुंध का सीजन भी शुरू हो गया है. साल दर साल सर्दियों में कोहरा और काला होते जा रहा है, जिसका कारण हवा में प्रदूषण का बढ़ता लेवल है, खासकर दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में ये खतरनाक स्थिति में है. स्मॉग की वजह से न सिर्फ सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है बल्कि हवा में मौजूद प्रदूषक हमारे स्वास्थ्य को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं. प्रदूषण की वजह से हार्ट काफी प्रभावित होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के डाटा के मुताबिक दुनिया भर में हर साल करीब 42 लाख लोगों की मौत आउटडोर एयर पॉल्यूशन की वजह से होती है. अगर आप मेट्रो सिटीज में रहते हैं तो आपको अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है. ऐसे मौसम में कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर नजर रखना काफी जरूरी है.

प्रदूषण के बीच इस तरह रखें अपने दिल का ख्याल (Take Care of Your Heart In Amidst Pollution)

1. ब्लड प्रेशर लेवल

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी कोई बीमारी है तो स्मॉग सीजन में अपनी सेहत का खास ख्याल रखें. खासतौर पर ब्लड प्रेशर पर नजर बनाए रखें. दरअसल, इस सीजन में हवा के अंदर प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है जिस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट स्ट्रेस भी बढ़ जाता है. आप घर पर भी ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं लेकिन रोजाना एक ही समय पर चेक करें. अगर प्रदूषण बढ़ने से ब्लड प्रेशर में उछाल आए तो तुरंत अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से मिलें. कुछ जरूरी टिप्स को फॉलो कर के आप स्मॉग सीजन में अपनी दिल की सेहत का ख्याल रख सकते हैं.

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2. हार्ट स्ट्रेस पर रखें नजर

स्मॉग सीजन में अगर आपको सांस लेने में तकलीफ महसूस हो, छाती में दर्द, थकान या घबराहट जैसे लक्षण दिखाई दे तो सावधान हो जाए. ये लक्षण हार्ट स्ट्रेस को दर्शाते हैं, खासतौर पर अगर यह लक्षण स्मॉग लेवल ज्यादा होने वाले दिनों में नजर आए तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें. ये एनजाइना और अतालता जैसे हार्ट रिलेटेड डिजीज से लेकर हार्ट अटैक तक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. शुरुआती लक्षण पहचान कर डॉक्टर की मदद लेकर गंभीर स्थितियों को टाला जा सकता है.

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3. रेगुलर चेकअप

नियमित तौर पर ब्लड प्रेशर चेक करने के साथ-साथ स्मॉग सीजन में कार्डियक स्क्रीनिंग करवाना भी जरूरी है. खासतौर पर अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई रहता है या हृदय-संबंधी किसी रोग से पीड़ित हैं. ईसीजी टेस्ट के जरिए हार्ट के इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का कंप्लीट पिक्चर सामने आ जाता है जिससे अनियमित हार्ट रिदम या अन्य कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है.

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4. हेल्दी डाइट

वायु प्रदूषण की वजह से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करना चाहते हैं तो अपनी डाइट पर खास ध्यान दें. फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे साबुत अनाज, मछली, सूखे मेवे, और हरी-पत्तेदार सब्जियों को अपनी रेगुलर डाइट का हिस्सा बनाएं.

5. एयर क्वालिटी ट्रैकिंग

अपने आसपास के जगहों के एयर क्वालिटी को ट्रैक करते रहें. हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर बाहर कम निकलने की कोशिश करें. इस तरह आउटडोर एक्टिविटी को सीमित कर आप कार्डियोवैस्कुलर रिस्क को कम कर सकते हैं. एयर क्वालिटी ट्रैक करने वाले कई मोबाइल एप्स इन दिनों आसानी से उपलब्ध हैं.

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6. हाइड्रेटेड रहें

स्मॉग सीजन में अगर आपका शरीर डिहाइड्रेटेड रहता है तो कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. शरीर डीहाइड्रेटेड रहने पर ब्लड गाढ़ा हो जाता है जिसे पम्प करने में हार्ट को मुश्किल होती है. इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियों का रिस्क बढ़ जाता है. हार्ट पर स्ट्रेस कम रखने के लिए स्मॉग सीजन में शरीर को हाइड्रेटेड रखें. डार्क यूरिन, सिर चकराना और मुंह सूखना डिहाइड्रेशन के सबसे आम लक्षण हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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