धूम्रपान करने वालों की तुलना में ई-सिगरेट यूजर्स के फेफड़ों को होता है ज्यादा नुकसान : अध्ययन

युवाओं का इसकी ओर रूझान पिछले कुछ समय में बढ़ा है. वर्तमान आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में सेकेंडरी से हाई स्कूल का दस में से एक स्टूडेंट ई-सिगरेट का उपयोग करता है.

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E Cigarette Effects: अध्ययन द जर्नल ऑफ़ न्यूक्लियर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.

सिगरेट पीने वालों के फेफड़ों की तुलना ई-सिगरेट पीने वालों से करने वाले एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि ई-सिगरेट पीने वालों में तम्बाकू धूम्रपान करने वालों की तुलना में फेफड़ों की सूजन अधिक थी. द जर्नल ऑफ़ न्यूक्लियर मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन, धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों की तुलना वेपर्स के फेफड़ों से करने के लिए पीईटी इमेजिंग का उपयोग करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन है.

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कई गुना बढ़ गई ई सिगरेट की बिक्री:

वैश्विक ई-सिगरेट या वेप की मार्केट वेल्यू 2013 में 1.7 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022 में 24.6 अरब अमेरिकी डॉलर के हाई लेवल पर पहुंच गया है. बिक्री में यह भारी बढ़त्तोरी बताती है कि ई सिगरेट का इस्तेमाल कितनी तेजी से बढ़ा है. युवाओं का इसकी ओर रूझान पिछले कुछ समय में बढ़ा है. वर्तमान आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में माध्यमिक से हाई स्कूल का दस में से एक स्टूडेंट ई-सिगरेट का उपयोग करता है.

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यह गलतफहमी लंबे समय तक बनी रही, दशकों बाद जब वैज्ञानिक साक्ष्यों के माध्यम से धूम्रपान के वास्तविक विनाशकारी प्रभावों का पता चला तो बड़ी तंबाकू कंपनियों के आर्थिक हित सामने आ खड़े हुए. यही आर्थिक हित आज भी कायम है, इसलिए वैज्ञानिकों के लिए यह जरूरी है कि वे सभी उभरते सबूतों की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इतिहास खुद को दोहराए नहीं.

ई-सिगरेट से इम्यून सेल्स पर होता है असर:

ई-सिगरेट के कई अध्ययनों से पता चलता है कि इम्यून सेल्स जो आमतौर वैसे काम नहीं करतीं, जैसा उन्हें करना चाहिए, जिससे फेफड़ों को नुकसान हो सकता है. मैक्रोफेज, इम्यून सेल्स जो मानव फेफड़ों में होती हैं और बैक्टीरिया को पचाने और सूजन को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, को ई-सिगरेट वाष्प के संपर्क में आने पर अधिक सूजन पैदा करते देखा गया है.

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पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया अध्ययन:

इस लेटेस्ट अध्ययन ने उन लोगों में फेफड़ों की सूजन की जांच की, जिन्होंने धूम्रपान किया है, जो ई-सिगरेट पीते हैं और धूम्रपान नहीं करते हैं. उन्होंने पार्टिसिपेट्स के फेफड़ों की जांच के लिए पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) इमेजिंग का इस्तेमाल किया. इसमें ट्रेसर अणु का उपयोग करना शामिल है और आमतौर पर इसका उपयोग कैंसर निदान में किया जाता है.

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शोधकर्ताओं ने नॉन-स्मोकर और सामान्य सिगरेट पीने वालों दोनों की तुलना में ई-सिगरेट धूम्रपान करने वालों में आईएनओएस का हाई लेवल पाया.

इन परिणामों से पता चलता है कि फेफड़ों में सूजन ई-सिगरेट धूम्रपान करने वालों में नॉन-स्मोकर और यहां तक ​​कि डेली सिगरेट पीने वालों की तुलना में भी बदतर है.

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निष्कर्ष कितने पुख्ता हैं?

शुरुआत के लिए यह एक छोटा अध्ययन था. पांच ई-सिगरेट यूजर थे, पांच सिगरेट धूम्रपान करने वाले थे, और पांच लोग थे जिन्होंने कभी सिगरेट या ई-सिगरेट नहीं पी थी. इन निष्कर्षों को दोहराने और अधिक मजबूत आंकड़ों के लिए बड़े अध्ययन की जरूरत है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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