Nasbandi Kaise Hoti Hai?: बढ़ती आबादी के बीच जनसंख्या को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो गया है. मौजूदा पॉपुलेशन ग्रोथ ट्रेंड जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब हम सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों की लिस्ट में पहले नंबर पर होंगे. बहुत ज्यादा आबादी देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ कई अन्य मोर्चों पर भी गंभीर चुनौतियां खड़ी कर सकती है. इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण एक बड़ा मुद्दा है और मौजूदा समय की मांग है. नसबंदी के जरिए पुरुष भी इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.
हालांकि, कई बार नसबंदी के बावजूद प्रेग्नेंसी की खबरें आती है जबकि इसे पॉपुलेशन कंट्रोल के लिए एक परमानेंट सॉल्यूशन के रूप में देखा जाता है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या नसबंदी के बाद भी पिता बनना संभव है? एक्सपर्ट जानकारी के लिए एनडीटीवी ने एम्स फरीदाबाद की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अमृता राजदान कौल से बातचीत की.
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नसबंदी के बाद पिता बनना मुमकिन नहीं:
डॉ. अमृता बताती हैं कि नसबंदी को एक परमानेंट प्रोसिड्योर माना जाता है. चाहे महिला की बात करें या पुरुषों में नसबंदी के जरिए ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है. डॉक्टर ने कहा कि इस प्रक्रिया के बाद अगर कोई शख्स पिता बनना चाहे तो वह संभव नहीं है. रेयर ऑफ रेयर केस में नसबंदी के बाद भी प्रेग्नेंसी का मामला देखा गया है. सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अमृता राजदान कौल ने कहा कि यह एक स्थायी प्रोसिड्योर है जिसके रिवर्स होने की संभावना बेहद कम है.
स्पर्म की क्वालिटी पर पड़ता है असर:
एम्स फरीदाबाद की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अमृता राजदान कौल ने बताया कि पुरूषों में नसबंदी के बाद स्पर्म पीछे इकट्ठा होते जाते हैं और बाहर नहीं निकल पाते हैं. इस वजह से स्पर्म की प्रोडक्टिविटी और क्वालिटी दोनों ही प्रभावित होता है. डॉ. अमृता ने बताया कि बस स्पर्म के होने से प्रेगनेंसी संभव नहीं है, उसकी क्वालिटी भी जरूरी है.
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क्या है वेसेक्टॉमी?
वेसेक्टॉमी या पुरुषों में नसबंदी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो स्पर्म ले जाने वाली नलियों को काटकर और सील करके गर्भाधारण को रोकती है. यह पुरुषों में बर्थ कंट्रोल का एक स्थायी रूप है. सर्जरी के दौरान डॉक्टर वास डिफरेंस को काट देतें हैं और ब्लॉक कर देते हैं जो स्पर्म को एपिडीडिमिस से बाहर ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है.
सर्जरी के कुछ दिनों तक दर्द और सूजन की समस्या रह सकती है. इस प्रक्रिया के बाद स्पर्म शरीर में ही दोबारा अवशोषित हो जाते हैं और इजेकुलेशन के दौरान बाहर नहीं आते हैं. आमतौर पर पुरुषों में नसबंदी के कारण अन्य प्रकार की समस्याओं का जोखिम काफी कम होता है.
यहां देखें एक्सपर्ट से बातचीत:
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)