Cholesterol Control Karne Ke Tips: हार्ट हेल्थ की जब भी बात होती है, लोगों को सबसे ज्यादा फिक्र कोलेस्ट्रॉल की होने लगती है. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना या घटना बहुत से फेक्टर्स पर डिपेंड करता है लेकिन अधिकांश लोग ये मान कर चलते हैं कि डाइट की वजह से ही कोलेस्ट्रॉल घटता या बढ़ता है. जो काफी हद तक सही भी है. कोलेस्ट्रॉल भी दो मुख्य तरह का होता है एक गुड कोलेस्ट्रॉल और एक बैड कोलेस्ट्रॉल. गुड लोकेस्ट्रोल का बढ़ना शरीर के लिए फायदेमंद है. बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना शरीर के लिए इतना ही नुकसानदायक है. अब ऐसे कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए मार्केट में बहुत सी दवाएं उपलब्ध हैं. क्या वो दवाएं शरीर के लिए भी फायदेमंद हैं. एनडीटीवी ने इस बारे में पद्म भूषण कार्डियोलॉजिस्ट टीएस क्लेर से खास बातचीत की.
दवा से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल| Is It Safe To Control Cholesterol With Pills
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का नेचुरल तरीका
डॉ. क्लेर के मुताबिक कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है फाइबर्स से भरपूर डाइट लेना. फाइबर्स खाने से कोलेस्ट्रॉल का एब्जॉर्बशन आसानी से होता है. इसकी वजह से शुगर भी कंट्रोल में रहती है. इसके साथ ही एक्सरसाइज करना चाहिए और फ्राई खाने से दूर रहना चाहिए या तला खाना कम खाना चाहिए.
कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करने की दवाएं
डॉ. क्लेर का कहना है कि अब बाजार में कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने की अच्छी दवाएं मौजूद हैं. जिनके साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम या ना के बराबर है. जिन लोगों का डाइट से भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल नहीं होता. वो लोग ये दवाएं ले सकते हैं. दवाओं के अलावा ऐसे इंजेक्शन्स भी आते हैं जो साल में दो बार लगाए जाते हैं. इसके बाद कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करना आसान होता है.
कौन ले सकता है कोलेस्ट्रॉल की दवा
कोलेस्ट्रोल कंट्रोल करने की दवाएं उन लोगों को लेनी पड़ती है जिनका बैड कोलेस्ट्रोल ज्यादा बढ़ा हुआ हो. जिनका एलडीएल डेढ़ सौ से ज्यादा है उन लोगों को ये दवा लेनी पड़ सकती है. डॉ. क्लेर ने कहा कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की फैमिली हिस्ट्री होने पर ये दवा लेने की जरूरत पड़ सकती है. क्योंकि, घर में अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की हिस्ट्री है तो आप में भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़े रहने की संभावना ज्यादा होगी.
जो लोग पहले हार्ट अटैक या आर्टरी ब्लॉकेज जैसी समस्या का शिकार हो चुके हैं उन्हें भी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने की दवा लेनी पड़ सकती है. इनमें वो लोग भी शामिल है जो स्टंट लगवा चुके हैं या बायपास सर्जरी करवा चुके हैं.
हेल्थ सप्लीमेंट्स के नुकसान
डॉ. क्लेर के मुताबिक डाइटरी सप्लीमेंट्स बहुत सोच समझ कर लिए जाने चाहिए. उनका कहना है कि हार्ट हेल्थ सप्लीमेंट्स के नाम से बाजार में बिकने वाली चीजें आमतौर पर बेकार ही साबित होती हैं. इस के अलावा वो मसल बिल्डिंग प्रोटीन की भी हिमायत नहीं करते. उन्होंने कहा कि बहुत से मसल बिल्डिंग प्रोटीन हार्ट अटैक का कारण बनते हैं. इसकी कई स्टडीज भी मौजूद हैं. जो इस प्वाइंट को प्रूव कर चुकी हैं. ये प्रोटीन पाउडर्स मसल्स को निगेटिवली इफेक्ट करते हैं और शुगर बढ़ने का कारण भी बनते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)