Breast Feeding Week: स्तन में होने वाली गांठ 'मास्टिटिस' क्या है और इससे कैसे निपटें?

विश्वभर में 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है. ऐसे में कोशिश की जाती है कि सभी माताओं को स्तनपान से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों से अवगत कराया जा सके. इसी कड़ी में आज हम स्तन में होने वाली गांठ के बारे में बात करेंगे जिसे मास्टिटिस भी कहा जाता है.

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विश्वभर में 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है. ऐसे में कोशिश की जाती है कि सभी माताओं को स्तनपान से जुड़ी सभी तरह की जानकारियों से अवगत कराया जा सके. इसी कड़ी में आज हम स्तन में होने वाली गांठ के बारे में बात करेंगे जिसे मास्टिटिस भी कहा जाता है. ऐसा देखा जाता है कि कई बार माताओं को स्तनपान के समय अपने स्‍तन में तनाव जैसा महसूस होता है. कई महिलाएं इस तरह की समस्‍या को लेकर डॉक्‍टरों के पास जाती हैं. बता दें कि मास्टिटिस की स्थिति में महिलाओं को स्तन में तनाव के साथ सूजन जैसा एहसास होता है. कई महिलाएं इसमें गांठ होने की शिकायत करती हैं.

इस बारे में ज्‍यादा जानकारी लेने के लिए आईएएनएस ने दिल्‍ली के सीके बिड़ला अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग की प्रमुख कंसल्टेंट डॉ. तृप्ति रहेजा से बात की. डॉ. तृप्ति रहेजा ने बताया, ''मास्टिटिस स्तन ऊतक (टिश्यू) का संक्रमण या सूजन (इन्फेक्शन या इन्फ्लेम्शन) है, जिससे प्रभावित क्षेत्र में सूजन, दर्द, रेडनेस और गरमाहट होती है. यदि समय पर इलाज नहीं किया गया, तो इससे फोड़ा बन सकता है.''

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मास्टिटिस से निपटने के उपायों के बारे में बात करते हुए डॉ.रहेजा ने बताया, ''ऐसी स्थिति में बच्‍चें को स्तनपान कराना जारी रखें अगर ज्‍यादा समस्‍या आ रही है तो पंपिंग करें. इससे ब्लॉक्ड डक्ट्स साफ होने में मदद मिलेगी और लक्षणों से राहत भी मिलेगी.''

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उन्‍होंने आगे कहा कि प्रभावित क्षेत्र पर गर्म कंप्रेसर लगाने से सूजन और असुविधा कम होती है, जिससे लैक्टेटिंग महिलाएं आराम से बच्‍चे को दूध पिला सकती हैं. इसके साथ ही स्तन की मालिश करें. मालिश करने से ब्लॉक्ड डक्ट्स को खत्‍म करने में मदद मिल सकती है. डॉक्‍टर ने कहा कि अगर समस्‍या ज्‍यादा गंभीर होती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें. संक्रमण के प्रभावी इलाज के लिए आपको एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता हो सकती है.

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बता दें कि मास्टिटिस कई बार स्वच्छता की कमी के कारण भी हो जाता है. स्तनपान के दौरान पूरी सफाई का ध्‍यान न रखने से निप्पल की त्वचा फट जाती है, जिससे त्वचा पर रहने वाले बैक्टीरिया स्तन के वसायुक्त ऊतक में प्रवेश कर जाते हैं. इन्‍हीं सभी लापरवाही की वजह से महिलाओं में मास्टिटिस की समस्‍याएं देखी जाती है.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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