Heart Surgery Options: दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आज लगभग हर घर में कोई न कोई हार्ट पेशेंट जरूर मिल जाता है. ऐसे में जब डॉक्टर एंजियोप्लास्टी, स्टेंट या बाईपास सर्जरी जैसे शब्द बोलते हैं, तो मरीज और उसके परिवार के लोग घबरा जाते हैं. अक्सर मन में सवाल उठता है क्या ऑपरेशन जरूरी है? स्टेंट लगवाना सही रहेगा या बाईपास कराना पड़ेगा? क्या ओपन हार्ट सर्जरी खतरनाक होती है? असल में डर की सबसे बड़ी वजह जानकारी की कमी है. अच्छी बात यह है कि आज की मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी ने हार्ट के इलाज को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित, आसान और असरदार बना दिया है. इस विषय को सरल तरीके से समझने के लिए हमने बात की मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान से.
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हार्ट में ब्लॉकेज का मतलब क्या है? | What Does a Blockage in The Heart Mean?
डॉ. नरेश त्रेहान बताते हैं कि हमारे दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों को कोरोनरी आर्टरी कहते हैं. जब इनमें चर्बी, कोलेस्ट्रॉल और कैल्शियम जमा होने लगता है, तो ब्लड फ्लो कम हो जाता है. इसी को हार्ट ब्लॉकेज कहा जाता है.
अगर ब्लॉकेज 50 प्रतिशत से कम है, तो घबराने की जरूरत नहीं होती. ऐसे मामलों में दवाइयों, सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, वजन कंट्रोल और तनाव कम करने से ब्लॉकेज को बढ़ने से रोका जा सकता है, बल्कि कई बार रिवर्स भी किया जा सकता है.
एंजियोप्लास्टी और स्टेंट कब लगाया जाता है? | When Are Angioplasty and Stenting Performed?
डॉ. नरेश त्रेहान के अनुसार, जब ब्लॉकेज 70-75 प्रतिशत से ज्यादा हो जाए और मरीज को चलते समय सीने में दर्द, सांस फूलना या जल्दी थकान महसूस होने लगे, तब एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़ती है. इस प्रक्रिया में दिल की नस के अंदर एक छोटा सा जाल लगाया जाता है, जिसे स्टेंट कहते हैं, ताकि खून का बहाव सामान्य हो सके.
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स्टेंट तब सबसे अच्छा विकल्प होता है जब:
- 1 या 2 जगह सीमित ब्लॉकेज हो.
- ब्लॉकेज बहुत ज्यादा फैला हुआ न हो.
- नस की बनावट स्टेंट के लिए सही हो.
बाईपास सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है? | When Is Bypass Surgery Needed?
- अगर दिल की धमनियों में कई जगह ब्लॉकेज हों.
- या एक ही आर्टरी में लंबे हिस्से तक ब्लॉकेज फैला हो.
- या ब्लॉकेज बहुत ज्यादा डिफ्यूज हो.
तो ऐसे मामलों में स्टेंट बार-बार बंद होने का खतरा रहता है. डॉ. त्रेहान के मुताबिक, इन स्थितियों में बाईपास सर्जरी ज्यादा सुरक्षित और लंबे समय तक असरदार इलाज मानी जाती है.
आज की बाईपास सर्जरी पहले जैसी नहीं:
पहले बाईपास सर्जरी का नाम सुनते ही बड़ा चीरा, ज्यादा दर्द और महीनों की रिकवरी का डर लगता था. लेकिन, अब हालात बदल चुके हैं. आज बाईपास सर्जरी में चीरा छोटा होता है, कई मामलों में हार्ट-लंग मशीन की जरूरत नहीं पड़ती, मिनिमली इनवेसिव और रोबोटिक सर्जरी उपलब्ध है, दर्द कम होता है और मरीज जल्दी सामान्य जीवन में लौट सकता .
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गलत इलाज कैसे हो सकता है खतरनाक? | How Can Incorrect Treatment be Dangerous?
डॉ. नरेश त्रेहान साफ कहते हैं कि अगर मरीज को बाईपास की जरूरत है और सिर्फ डर की वजह से स्टेंट लगवा लिया जाए, तो इससे दिल धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है. बार-बार ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है और जान का जोखिम भी हो सकता है.
इसलिए सबसे जरूरी है सही मरीज के लिए सही इलाज. अनुभवी डॉक्टर की सलाह सही जांच और समझदारी से लिया गया फैसला ही दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकता है.
(यह लेख मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान से बातचीत पर आधारित है)
Dr. Naresh Trehan से जानें बीमारियों से बचने और लंबी उम्र पाने के राज, दिल के डॉक्टर से दिल की बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














