2022 में भारत में 12.5 मिलियन बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं, ये दर हर साल बढ़ती जा रही है- स्टडी में हुआ खुलासा

द लैंसेट जर्नल में पब्लिश एक ग्लोबल एनालिसिस के अनुसार, भारत में बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है और 2022 में 5 से 19 साल की उम्र के बीच के लगभग 12.5 मिलियन बच्चों का वजन ज्यादा है, जबकि 1990 में यह आंकड़ा 0.4 मिलियन था.

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12.5 मिलियन में से 7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियाँ कुपोषण की शिकार थी.
New Delhi:

द लैंसेट जर्नल में पब्लिश एक ग्लोबल एनालिसिस के अनुसार, भारत में बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ा है और 2022 में 5 से 19 साल की उम्र के बीच के लगभग 12.5 मिलियन बच्चों का वजन ज्यादा है, जबकि 1990 में यह आंकड़ा 0.4 मिलियन था. 12.5 मिलियन में से 7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियाँ थीं. दुनिया भर में मोटापे से ग्रस्त बच्चों, किशोरों और यंगस्टर की कुल संख्या एक अरब से ज्यादा हो गई है. बता दें कि मोटापा और कम वजन दोनों ही कुपोषण की ही एक रूप है और कई मायनों में लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. लेटेस्ट स्टडी में पिछले 33 सालो में कुपोषण के दोनों रूपों में ग्लोबली तौर पर बढ़ा है.

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एनसीडी रिस्क फैक्टर कोलैबोरेशन (एनसीडी-आरआईएससी) साइन्टिस्ट का एक ग्लोबली नेटवर्क है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विश्लेषण का अनुमान है साल 1990 की तुलना में साल 2022 में दुनिया के बच्चों और किशोरों में मोटापे की दर चार गुना थी.

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ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन के सीनियल ऑथर प्रोफेसर माजिद इज़्ज़ती ने कहा, "यह बहुत चिंताजनक है कि मोटापे की महामारी जो 1990 में दुनिया के अधिकांश हिस्सों में वयस्कों में स्पष्ट थी, अब स्कूल जाने वाले बच्चों और टीनएजर्स में भी दिखाई देने लगी है." "साथ ही, करोड़ों लोग अभी भी कुपोषण से प्रभावित हैं, खासकर दुनिया के कुछ सबसे गरीब हिस्सों में. दोनों ही तरह के कुपोषण से बचने के लिए और हेल्दी रहने के लिए जरूरी है कि हम हेल्दी, पौष्टिक फूड आइटमिस की उपलब्धता और सामर्थ्य में सुधार करें."

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भारत में, वयस्क लोगो में मोटापे की दर 1990 में 1.2 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में महिलाओं के लिए 9.8 प्रतिशत और पुरुषों के लिए 0.5 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत हो गई है. 2022 में लगभग 44 मिलियन महिलाओं और 26 मिलियन पुरुषों को मोटापा था. 1990 और 2022 के बीच, विश्व में कम वजन से प्रभावित बच्चों और किशोरों का रेशियों लड़कियों में लगभग पाँचवें और लड़कों में एक तिहाई से ज्यादा गिर गया. लड़कियों के लिए मोटापे की दर 1990 में 0.1 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 3.1 प्रतिशत और लड़कों के लिए 0.1 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 3.9 प्रतिशत हो गई.

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2022 में मोटापे से प्रभावित बच्चों और किशोरों की कुल संख्या लगभग 160 मिलियन (65 मिलियन लड़कियां और 94 मिलियन लड़के) थी, जबकि 1990 में यह 31 मिलियन थी. जबकि 2022 में 77 मिलियन लड़कियां और 108 मिलियन लड़के कम वजन वाले थे, जो कि कम हो गए. 1990 में लड़कियों की संख्या 81 मिलियन और लड़कों की संख्या 138 मिलियन थी. वयस्कों में, 1990 और 2022 के बीच महिलाओं में मोटापे की दर दोगुनी से ज्यादा और पुरुषों में लगभग तीन गुना हो गई. 1990 और 2022 के बीच कम वजन वाले वयस्कों का रेशियो आधा हो गया.

शोधकर्ताओं ने कहा कुल मिलाकर ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2022 में लगभग 880 मिलियन वयस्क मोटापे के साथ जी रहे थे (504 मिलियन महिलाएं और 374 मिलियन पुरुष), जो 1990 में दर्ज 195 मिलियन (128 मिलियन महिलाएं और 67 मिलियन पुरुष) से ​​साढ़े चार गुना ज्यादा है. 2022 में मोटापे से ग्रस्त 159 मिलियन बच्चों को मिलाकर, 2022 में मोटापे से प्रभावित कुल एक अरब से ज्यादा लोग होंगे.

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेबियस ने कहा, "ये नई स्टडी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और आवश्यकतानुसार पर्याप्त देखभाल करके बच्चों में मोटापे को रोकने और प्रबंधित करने के महत्व पर प्रकाश डालता है."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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