हर दिन Omega-3 खाने से बदल जाएगी आपकी सेहत! जानिए इसके सुपरफूड्स और चमत्कारी फायदे

Omega-3 Khane ke Fayde: ओमेगा-3 हमारी बॉडी के लिए बेहद जरूरी होता है. आपको बता दें कि ये बेसिकली एक बहुत ही पावरफुल न्यूट्रिएंट है जो कि आपकी बॉडी के लगभग हर एक सिस्टम के ऊपर असर डालता है. आइए जानते हैं किन चीजों का सेवन करने से ओमेगा-3 मिलेगा और इसके फायदे.

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दिल से लेकर स्किन के लिए वरदान है ओमेगा-3.

Omega-3 Khane ke Fayde: ओमेगा-3 हमारी बॉडी के लिए बेहद जरूरी होता है. आपको बता दें कि ये बेसिकली एक बहुत ही पावरफुल न्यूट्रिएंट है जो कि आपकी बॉडी के लगभग हर एक सिस्टम के ऊपर असर डालता है. ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स बेसिकली एक एसेंशियल फैट है जो कि हमारी बॉडी खुद से अपने आप नहीं बना सकती है और इसीलिए इसको हमेशा हमें डाइट से ही लेना पड़ता है. बता दें कि ओमेगा -3 की कमी होने पर ड्राई स्किन, कमजोर नाखून और हेयर फॉल, जॉइंट पेनस या फिर स्टिफनेस, मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन, वीक मेमोरी, एलर्जीस, ड्राई आइज या कार्डियोवस्कुलर प्रॉब्लम्स यानी दिल की बीमारियों जैसी समस्याएं है तो आप अपनी डाइट में ओमेगा थ्री सही से नहीं ले रहे हैं. डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया कि ओमेगा थ्री क्या होता है? इसे लेने से हमारे शरीर पर क्या-क्या इसका असर पड़ता है और इसको लेने के लिए हमें कौन-कौन सी ऐसी चीजें हैं जो कि खानी चाहिए.

ओमेगा-3 का सेवन करने से शरीर पर क्या असर पड़ता है (What is the effect of consuming omega-3 on the body)

ब्रेन (Brain)

क्या आपको पता है कि आपके दिमाग का जो टोटल वेट होता है उसका 50 से 60% तक हिस्सा सिर्फ और सिर्फ ओमेगा थ्री फैटी एसिड से बना हुआ होता है. एक स्टडी में पाया गया है कि जो लोग ज्यादा ओमेगा थ्री अपनी डाइट में लेते हैं उनका दिमाग ज्यादा शार्प होता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ होने वाली जो बीमारियां होती हैं जैसे दिमागी कमजोरी जो आमतौर पर हमारे अंदर आ जाती है या फिर जो याददाश्त कमजोर होने लगती है फोकस कम हो जाता है और कई लोगों को अल्जाइमर जैसी जो बीमारियां हैं इनका रिस्क भी काफी ज्यादा कम हो जाता है. तो दिमाग के लिए ओमेगा थ्री फैटी एसिड एक बहुत ही जबरदस्त चीज है. अगर आप इसे लेंगे तो आपके दिमाग को यह बहुत ही बढ़िया से ताकत देगा. खासतौर से बच्चों को अगर आप इसे देते हैं तो उनके लिए तो यह बहुत ही बढ़िया होता है.

हार्ट (Heart)

ओमेगा थ्री आपके हार्ट के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है और कई तरह से काम करता है. यह सबसे पहले तो ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है और नसों में होने वाले इनफ्लेमेशन को कम करता है. जिसकी वजह से क्या होता है कि हार्ट अटैक का रिस्क कम हो जाता है. तो अगर आप अपने दिल का ध्यान रखना चाहते हैं खासतौर से आजकल के इस जमाने में जबकि हार्ट अटैक्स बहुत ही कॉमन हो गए हैं तो ऐसे में ओमेगा थ्री लेना आपके लिए बहुत ही जरूरी है. 

इनफ्लेमेशन (Inflammation )

ओमेगा थ्री पेन और स्टिफनेस को भी कम करता है. मतलब अगर आपको जॉइंट पेन रहता है, स्टिफनेस है घुटनों में दर्द है या चलने फिरने में दिक्कत होती है, सीढ़ियां नहीं चढ़ पाते हैं, तो ओमेगा थ्री आपके लिए काफी ज्यादा यूज़फुल हो सकता है. ओमेगा थ्री एक नेचुरल एंटी इनफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है और हमारे जोड़ों के अंदर होने वाली सूजन को कम करता है और वहां पर ग्रीस को यानी चिकनाई को भी बढ़ा देता है, जिससे चलना फिरना आसान होता है. यही नहीं इसके एंटी इनफ्लामेटरी इफेक्ट्स इतने ज्यादा पावरफुल होते हैं कि किसी-किसी केस में तो यह कैंसर जैसी बीमारियों से भी लड़ सकते हैं. और अगर आप इसको रेगुलरली लेते हैं तो इसकी वजह से आपके अंदर जोड़ों की प्रॉब्लम्स, आपके जोड़ों के अंदर जो ग्रीस कम हो जाती है वो प्रॉब्लम या फिर कैंसर होने का रिस्क भी इवन कम हो सकता है. तो एक बहुत ही बढ़िया एंटी इनफ्लामेटरी एजेंट है जिसको आपको जरूर लेना चाहिए. 

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मेंटल हेल्थ (Mental Health)

ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स आपको सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक बीमारियों से भी बचाते हैं. स्टडीज बताती हैं कि यह आपके मूड को लिफ्ट करते हैं. आपके डिप्रेशन को कम करते हैं और इवन स्ट्रेस को भी हैंडल करने की कैपेसिटी होती है. स्ट्रेस, एंजायटी और डिप्रेशन आजकल के इस जमाने में बहुत ही ज्यादा कॉमन हो गए हैं. और ऐसे में ओमेगा थ्री लेने से आप इन मानसिक समस्याओं से भी लड़ सकते हैं. इनसे भी निपट सकते हैं. 

स्किन और आंखों के लिए (Skin and Eyes)

ओमेगा-3 आपकी आंखों के लिए और आपकी स्किन के लिए भी बहुत जरूरी होता है. रिसर्च बताती है कि ओमेगा थ्री आपकी आंखों के मैकुलर डिजनरेशन को और मोतियाबिंद जैसी बीमारियां होने के रिस्क को कम करता है. यह ज्यादा स्क्रीन टाइम की वजह से होने वाले ड्राई आई सिंड्रोम को जिसमें हमारी आंखों में खुश्की हो जाती है, चुभन होने लगती है, लाली आ जाती है उसको कम करता है और आंखों में नमी को बनाए रखता है. 

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स्किन की बात करें तो यह आपकी स्किन को हाइड्रेटेड और ग्लोइंग बनाता है और उम्र के असर को कम करता है. यानी कि आपके अंदर एजिंग फैक्टर को कम करता है और आपको जवान बनाए रखता है. तो अगर यह सब फायदे भी आपको चाहिए तो आपको ओमेगा थ्री अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए.

ओमेगा थ्री के लिए क्या खाएं ( Foods Full of Omega 3)

मछली

ओमेगा-3 के सबसे अच्छे सोर्स और सबसे पॉपुलर सोर्स की बात करें तो उसमें मछली आती है. खासतौर से फैटी फिश जैसे कि सामन, टूना, मैकरिल, सिंघाड़ा और रोहू फिश. इन मछलियों के अंदर ओमेगा थ्री ईपीए और डीएई की फॉर्म में होते हैं जो कि एक्चुअल में सबसे अच्छे ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स होते हैं. अगर आप एक हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार फिश को खा लें तो यकीन जानिए आपको ओमेगा थ्री के लिए किसी भी और चीज को लेने की कोई जरूरत पड़ेगी ही नहीं ना ही कोई आपको सप्लीमेंट लेना पड़ेगा.

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ओमेगा थ्री के वेजिटेरियन सोर्स (Omega-3 Vegetarian Sources)

अलसी (Flaxseeds)

ओमेगा-3 का बहुत अच्छा सोर्स है फ्लैक्स सीड्स यानी कि अलसी के बीज. फ्लैक्स सीड्स ओमेगा 3 का एक सस्ता और सुपर इफेक्टिव सोर्स है. सिर्फ 100 ग्राम अलसी में आपको 6000 से 7000 मिलीग्राम ओमेगा थ्री मिलता है जो कि एक सब्सटेंशियल क्वांटिटी है. अलसी के बीजों को खाने के लिए आप पहले इनको हमेशा हल्का सा भून लें तवे पे और उसके बाद इन्हें पीस कर ही खाएं ग्राइंडर में क्योंकि इसका जो ऊपरी छिलका होता है वह बहुत हार्ड होता है और आमतौर पे आप अगर उसको ऐसे ही खा लेंगे तो आपको यह पेट में हजम नहीं हो पाएगा और जो आपको ओमेगा थ्री से मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाएगा. इसलिए हमेशा जब भी आप अलसी के बीज खाएं तो पहले उसे रोस्ट कर लें तवे के ऊपर उसके बाद उसे पीस लें और तभी उसको आप खाएं. 

अलसी के बीज का पाउडर आप रोज सुबह या फिर शाम को एक-एक चम्मच पानी के साथ या दूध के साथ ले सकते हैं. या फिर आप चाहें तो इसे रोटी बनाते समय अपने आटे के अंदर एक टेबलस्पून पर चार कप्स ऑफ आटा के हिसाब से मिला सकते हैं. यानी चार कप आटे में एक टेबलस्पून अलसी का पाउडर अगर आप मिलाएंगे उसकी रोटियां बनाएंगे तो उससे भी आपको अच्छा खासा अलसी का जो बेनिफिट है वो मिल जाएगा. 

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इसके अलावा अलसी के पाउडर को आप चाहे तो दही में मिलाकर खा सकते हैं या फिर इसके लड्डू भी आजकल बनाए जाते हैं. खासतौर से सर्दी के मौसम में तो उनको बनाकर भी आप एक-एक लड्डू रोजाना खा सकते हैं. हर दिन बस एक से दो टेबलस्पून फ्लैक्स सीड्स लेना एक आम इंसान के लिए काफी होता है और यह आपकी डेली ओमेगा थ्री की रिक्वायरमेंट को पूरा कर सकता है.

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अखरोट (Walnut)

अखरोट में भी ओमेगा थ्री का एक बहुत ही बढ़िया सोर्स है जिसको आप ले सकते हैं. सिर्फ सात से आठ अखरोट की गिरी में लगभग आपको 25 हजार मिलीग्राम ओमेगा थ्री मिल जाता है जो कि आपके रोज की ओमेगा थ्री रिक्वायरमेंट को पूरा कर सकता है. 

कच्ची घानी सरसों का तेल ( Kacchi Ghani Mustard Oil)

कच्ची घानी सरसों का जो तेल होता है उसके अंदर भी अच्छी खासी मात्रा में आपको ओमेगा थ्री मिल जाता है. जी हां, सिर्फ एक टेबलस्पून मस्टर्ड ऑयल में करीब 1000 मिलीग्राम ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है. बट इसके साथ प्रॉब्लम यह है कि हाई हीट पर जब हम खाना पकाते हैं, तो यह आमतौर पे जो ओमेगा थ्री होता है, खत्म हो जाता है. लेकिन कच्ची घानी सरसों के तेल से अगर आप नींबू का या फिर आम का अचार बना लें जिसमें कि किसी भी तरह की हीटिंग ना हो. बस धूप में उसको रखा गया हो तो यह एक फिजिबल ऑप्शन हो सकता है जिसके जरिए आपको ओमेगा थ्री मिलता रहेगा. 

सोयाबीन (Soyabean)

100 ग्राम सोयाबीन के अंदर आपको करीब 1400 मिलीग्राम ओमेगा थ्री से फैटी एसिड मिल जाता है. तो आप चाहे तो सोयाबीन को बॉईल करके सैलेड्स में ऐड करके या फिर इसकी खिचड़ी या पुलाव वगैरह बनाकर या करीज में बनाकर इसको ले सकते हैं. 

चिया सीड्स (Chia Seeds)

सिर्फ दो टेबलस्पून चिया सीड्स में आपको लगभग 4,900 मिलीग्राम ओमेगा थ्री मिल जाता है जो कि काफी ज्यादा अच्छे अमाउंट है. आप चिया सीड्स को ओवरनाइट पानी में भिगोकर सुबह नींबू पानी में या फिर दही में या फिर छाछ में मिलाकर पी सकते हैं. 

इसके अलावा देसी घी, राजमा और उड़द की दाल में भी ओमेगा थ्री कुछ मात्रा में आपको मिल जाता है. तो इन चीजों को भी आप अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. 

ओमेगा-3 के सप्लीमेंट्स लेना सही है ( Omega 3 ke Suppliments)

आपको बता दें कि हारवर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी बताती है कि ज्यादातर फिश ऑयल कैप्सूल्स आपकी हार्ट हेल्थ में किसी भी तरह का सुधार नहीं लाते हैं. इनफैक्ट इनमें से कुछ तो ऐसे होते हैं जो कि आपको उल्टा नुकसान पहुंचा देते हैं. हावर्ड के रिसर्चर्स ने 2000 से भी ज्यादा फिश ऑयल सप्लीमेंट्स की जांच की और पाया कि इनमें से ज्यादातर के अंदर डीएचए और ईपीए यानी वही जो कि फिश ऑयल के अंदर होते हैं. यह पूरी मात्रा में होते ही नहीं है. और या फिर अगर होते भी हैं तो इनके अंदर बहुत ज्यादा वेरिएशन होता है. इन रिसर्चर्स में यह भी पाया कि इन कैप्सूल्स को इंडस्ट्रियल लेवल पर यानी मास लेवल पर बनाने के लिए जब इनको बहुत ज्यादा गर्म किया जाता है या जब यह ऑक्सीजन के कांटेक्ट में आते हैं तो इनमें ऑक्सीडेशन होने की वजह से यह ज्यादा किसी काम के नहीं रह जाते हैं. ज्यादा इफेक्टिव नहीं रह जाते हैं. और कई बार तो यह उल्टा नुकसान पहुंचाने लगते हैं. और इसीलिए रिसर्चर्स ने यह निष्कर्ष निकाला कि अगर आप सच में ओमेगा थ्री लेना चाहते हैं तो आपको अपने डॉक्टर से इनके बारे में बात करनी चाहिए और प्रिस्रिप्शन स्ट्रेंथ वाले जो प्रॉपर ओमेगा थ्री सप्लीमेंट्स होते हैं वो आपको लेने चाहिए ना कि जो मार्केट में आमतौर पे ऑनलाइन या इस तरह के जो दूसरे सप्लीमेंट्स मिलते हैं वो आपको नहीं लेने चाहिए क्योंकि यह आपके किसी भी काम नहीं आएंगे. इन रिस्चर्स ने यह भी बताया कि अपनी डाइट में नट्स और सीड्स, हेल्दी ऑइल्स और फिश को पका कर खाना एक बेहतर तरीका है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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