ब्राह्मी और शंखपुष्पी बना सकती है दिमाग को कम्प्यूटर से भी तेज, बस इस ट्रिक के साथ होगा खाना

आज के समय में मस्तिष्क में कमजोरी, जल्दी बातों को भूल जाना, और थकान जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं. आयुर्वेद कहता है कि इसका इलाज दो औषधियों से किया जा सकता है.

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दिमाग के लिए अमृत के समान है ये दो चीजें.

How to Increase Kids Memory: 2025 में भले ही हम कितने हाईटेक हो जाएं, लेकिन कुछ मामलों में आयुर्वेद ही कई शारीरिक समस्याओं का समाधान है. विदेशी चिकित्सा पद्धति में हर बीमारी का इलाज है, लेकिन 5000 साल पुराने आयुर्वेद को चैलेंज दे पाना मुश्किल है, इसलिए इतने विकास के बाद भी आयुर्वेद को आज भी भरोसेमंद माना जाता है. आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है और अगर मस्तिष्क से जुड़ी समस्या की बात की जाए तो, इसमें बेहतर उपलब्धता है.

आज के समय में मस्तिष्क में कमजोरी, जल्दी बातों को भूल जाना, और थकान जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं. आयुर्वेद कहता है कि इसका इलाज दो औषधियों से किया जा सकता है. ये औषधियां हैं ब्राह्मी और शंखपुष्पी. ब्राह्मी और शंखपुष्पी को मस्तिष्क के लिए वरदान माना गया है, दोनों हर समस्या का हल हैं. 

 ब्राह्मी

पहले बात करते हैं ब्राह्मी के बारे में. ब्राह्मी के पौधे के पत्ते छोटे होते हैं और इस पर सफेद छोटे फूल भी आते हैं. हमारे देश के बरसाती राज्यों में इस पौधे की खेती सबसे ज्यादा की जाती है. आयुर्वेद में इस पौधे को 'बुद्धि प्रदान करने वाला' माना गया है.

इसका सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है और एकाग्रता भी बढ़ती है. इसके अलावा, यह चिंता और तनाव को कम करता है, क्योंकि इसके सेवन से मस्तिष्क की नसें शांत रहती हैं और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है. ब्राह्मी में बैकोसाइज होता है, जो मस्तिष्क की नसों को मजबूत बनाता है और तनाव और चिंता को कम करता है.

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शंखपुष्पी

शंखपुष्पी भी मस्तिष्क के लिए वरदान है और आयुर्वेद में इसे 'मेधावर्धक' की उपाधि मिली है, जो मस्तिष्क को ऊर्जा देने के साथ-साथ भावनात्मक संतुलन बनाने में भी मदद करता है. शंखपुष्पी का सेवन करने से नींद बहुत अच्छी आती है, यह मानसिक स्थिरता को बनाए रखता है और ज्यादा इमोशनल करने वाले मस्तिष्क के हिस्से पर भी नियंत्रण बनाए रखता है.

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कैसे करें सेवन 

ब्राह्मी का सेवन चूर्ण के तौर पर कर सकते हैं. इसके चूर्ण को घी के साथ या दूध के साथ लिया जा सकता है. इसके अलावा शंखपुष्पी का सेवन काढ़े के तौर पर किया जा सकता है. यह बाजार में चूर्ण के तौर पर भी उपलब्ध है. खास बात यह है कि अगर दोनों को साथ में ग्रहण करते हैं तो इसका परिणाम बेहतर हो जाता है. गुनगुने दूध के साथ दोनों का चूर्ण मिलाकर लिया जा सकता है.

फायदे 

अगर बच्चे का पढ़ने में मन नहीं लगता है तो ये चूर्ण बच्चों को एकाग्रता प्रदान करेगा. 
इसके तेल से सिर की मालिश भी कर सकते हैं. 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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