शिरडी के साईं बाबा की महिमा कौन नहीं जानता है. मान्यता है कि साईं बाबा सच्चे मन से पूजा करने वालों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. हफ्ते का कोई ना कोई दिन किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित होता है. ठीक इसी तरह गुरुवार को साईं बाबा के लिए व्रत रख सच्चे मन से पूजा आराधना की जाती है. मान्यता है कि गुरुवार के दिन साईं बाबा का व्रत करने से बाबा भक्तों की झोली भर देते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं. तो चलिए जानते हैं कि गुरुवार के दिन साईं बाबा की पूजा का क्या विधान है और बाबा को कौन सा भोग चढ़ाया जाता है.
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साईं बाबा के लिए कितने व्रत होते हैं
साईं बाबा के लिए व्रत 5, 7, 9 और 11 की संख्या में रखे जाते हैं. अगर आप किसी खास मनोकामना से साईं बाबा का व्रत शुरू कर रहे हैं तो पहला व्रत गुरुवार से ही शुरू करना चाहिए. इस व्रत को कोई भी रख सकता है. साईं बाबा के व्रत में दिन में केवल एक बार ही भोजन किया जाता है. इस व्रत में फलाहारी भोजन भी किया जा सकता है. साईं बाबा के व्रत में सादे नमक की बजाय सेंधा नमक का प्रयोग करना चाहिए.
साईं बाबा की पूजा की विधि
इस दिन नहा धोकर साईं बाबा का घर में सुंदर सा दरबार सजाएं. इसमें एक चौकी बिछाकर उस पर पीला वस्त्र बिछाएं और इस चौकी पर साईं बाबा की तस्वीर या मूर्ति जो भी आपके घर में मौजूद है, स्थापित करें. अब हाथ में जल और अक्षत लेकर सांई बाबा के व्रत का संकल्प लें और इसके बाद उनको चंदन का तिलक करें. इसके बाद साईं बाबा को पीले फूल अर्पित करें और अक्षत चढ़ाएं. इसके बाद बेसन के लड्डू और अन्य पीली मिठाइयों से बाबा को भोग लगाएं. इसके बाद धूप दीप जलाकर उनकी आरती करें. हाथ में पीले फूल और चावल लेकर परिवार के साथ साईं बाबा की व्रत कथा सुननी चाहिए. कथा सुनने के बाद बाबा के चरणों में ये फूल अर्पित करते वक्त अपनी मनोकामना बाबा से कहकर सभी में प्रसाद का वितरण कर देना चाहिए.
बाबा को इस चीज का भोग चढ़ता है
साईं बाबा के व्रत में उनको मूंग की दाल की खिचड़ी और बेसन के लड्डू या बूंदी के लड्डू का भोग लगाया जाता है. कहते हैं कि गुरुवार होने के नाते पीले रंग के लड्डू साईं बाबा को चढ़ाए जाते हैं और मूंग की दाल की खिचड़ी साईं बाबा को इसलिए पसंद है क्योंकि उनकी द्वारका माई में एक बड़ी देगची में हर गरीब और जरूरतमंद के लिए खिचड़ी बनती रहती थी. इसके अलावा साईं बाबा को बेसन के हलवे और दूध की बनी मिठाइयों का भी भोग लगाया जाता है. बाबा के दरबार में पालक की पत्तियां भी चढ़ाई जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि बाबा के दरबार में पालक की पत्तियों की गड्डी चढ़ाने से मनोकामना पूरी हो सकती है.