व्रत में खाते हैं साबूदाना तो देख लीजिए फैक्ट्री में कैसे किया जाता है तैयार, इसके बाद सोचिएगा खाना है या नही

Sabhudana/ Sago Making: क्या आप भी व्रत में साबूदाना खाएं या फिर ना खाएं इसको लेकर कंफ्यूज रहते हैं तो यहां जान लीजिए साबूदाना कैसे बनता है और इसको व्रत में खाया जा सकता है या नही.

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Sabudana Making Process: फैक्ट्री में किस तरह से बनाया जाता है साबूदाना.

Sabudana Making Process: व्रत में फलाहारी चीजों का सेवन किया जाता है. इसलिए इसमें हम सभी सात्विक चीजों का सेवन करते हैं. व्रत के दौरान एक चीज जिसका सेवन अमूमन लोग करते हैं वो होता है साबूदाना. साबूदाना की खीर, खिचड़ी से लेकर इसके वड़े जैसी कई डिशेज को बनाकर इससे तैयार किया जाता है. लेकिन कई लोगों का ऐसा मानना है कि साबूदाने को व्रत में नहीं खाना चाहिए. इसको लेकर के लोगों के मन में कई तरह के सवाल आते हैं. क्या आपके मन में भी ये सवाल है कि व्रत में साबूदाना खा सकते हैं या नहीं? तो आइए जानते हैं इसको फ्रैक्टी में कैसे तैयार किया जाता है. और इसका सेवन व्रत में कर सकते हैं या नही.

साबूदाना (Sago) कैसे बनता है

साबूदाना जिसे तपिओका पर्ल्स के नाम से भी जाना जाता है इसको तपिओका स्टार्च से बनाकर तैयार किया जाता है, जो कैसावा (मनियोक) नाम के एक पौधे की जड़ से निकाला जाता है. इसे बनाने का प्रोसेस थोड़ा लंबा होता है. 

साबूदाना बनाने का वीडियो

साबूदाना बनाने का ये वीडियो नमस्त इंडिया नाम के यूट्यूब चैनल में शेयर किया गया है. वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें.

जैसा की वीडियो में देख सकते हैं कुछ लोग सबसे पहले कैसावा की जड़ों को निकालकर एक बड़े से बर्तन में स्टोर कर रहे हैं. इनको स्टोर कर के फैक्ट्री में भेज दिया जाता है. जहां इसे बनाने की आगे की प्रोसेस होती है. सबसे पहले इन जड़ों को एक बड़ी में मशीन में धोया जाता है और फिर दूसरी मशीन में डालकर इन जड़ों को छीलकर के साफ किया जाता है ताकि उसमें मौजूद गंदगी और बाहरी हिस्से हट जाएं.

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इसके बाद कैसावा की जड़ों को पीसकर उनका पेस्ट बना लिया जाता है जिससे बहुत सारा स्टार्च निकलता है, जिसे अलग कर लिया जाता है.

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इसके बाद आता है अगला चरण जहां पर स्टार्ट को सुखाया जाता है ताकि वो ठोस रूप में आ जाए. इस सूखे स्टार्च को एक मशीन में डाला जाता है जहां पर इसके छोटे-छोटे गोल आकार (मोती) में ये बन जाते हैं. इस मशीन में ही ये मोतियों के आकार के बनकर सूख जाते हैं और फिर इनको पैक कर के बाजारों में भेज दिया जाता है. इन मोतियों को फिर अच्छे से सुखाया जाता है और फिर पैक किया जाता है.

साबूदाना व्रत में खा सकते हैं

व्रत में सात्विक भोजन किया जाता है और साबूदाना पौधे की जड़ों से बनकर तैयार होता है इसलिए इसका सेवन व्रत में किया जा सकता है.

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साबूदाना खीर कैसे बनाएं

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सामग्री 

  • साबूदाना (6-8 घंटे या रात भर पानी में भीगा हुआ)
  • दूध 
  • चीनी
  • ड्राई फ्रूट्स ( ऑप्शनल)
  • इलायची पाउडर

रेसिपी 

सबसे पहले दूध को उबलने के लिए रख दें, फिर इसमें भीगे हुए साबूदाना डालकर उसे धीमी आंच पर पकाते हैं, जब तक वह पूरी तरह से फूले और नरम न हो जाएं तो इसमें चीनी, इलायची पाउडर और ड्राई फ्रूट्स को डालकर मिक्स करें. आपकी साबूदाना की खीर बनकर तैयार है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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