राजमा खाने से होती है गैस और फूल जाता है पेट, तो दाल बनाने से पहले करें ये काम, फिर रोज खाने से भी नहीं पड़ेगा फर्क

हाल ही में, वेट लॉस कोच निधि गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर पेट फूलने और ब्लोटिंग को रोकने के लिए राजमा को भिगोने का सही तरीका समझाया है.

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राजमा में मौजूद लेक्टिन के कारण राजमा खाने से ब्लोटिंग और गैस की समस्या होती है.

राजमा कई लोगों के लिए एक कम्फर्ट फूड है. जब इसे चावल के साथ मिलाया जाए तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता. चाहे लंच के लिए हो या रात के खाने के लिए यह एक ऐसी चीज है जिससे हमें बड़ा लगाव है. हालांकि, कई लोगों को राजमा खाने के बाद पेट फूलने और गैस की समस्या होती है. जब ऐसा होता है, तो हम राहत पाने के लिए कुछ उपाय तलाशते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजमा खाने के बाद होने वाली पेट फूलने की समस्या से बचने के लिए आप राजमा को भिगोने के तरीको बदल सकते हैं. जी हां, दाल भिगोने का तरीका पता होने से ब्लोटिंग को रोकने में बड़ी मदद मिलती है. हाल ही में, वेट लॉस कोच निधि गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर ब्लोटिंग को रोकने के लिए राजमा को भिगोने का सही तरीका शेयर किया, लेकिन पहले आइए समझें कि राजमा पेट फूलने का कारण क्यों बनती है.

राजमा से ब्लोटिंग की दिक्कत क्यों होती है? | Why Does Rajma Cause The Problem of Bloating?

कोच के अनुसार, राजमा में लेक्टिन होने के कारण सूजन और गैस होती है. वह बताती हैं कि लेक्टिन न्यूट्रिएंट एंटी एलिमेंट हैं और मोटापे, पुरानी सूजन, ऑटोइम्यून बीमारियों और पाचन संबंधी समस्याओं का एक प्रमुख कारण हैं. वे सभी फलियों में पाए जाते हैं, जैसे कि राजमा, काला चना, सफेद चना, पिंटो बीन्स आदि. वह आगे कहती हैं, "लेक्टिन पानी में घुलनशील होते हैं और आमतौर पर भोजन की बाहरी सतह पर पाए जाते हैं, इसलिए पानी के संपर्क में आने से वे दूर हो जाते हैं. अगर नहीं हटाया गया, तो वे मिनरल्स खासतौर से कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और जिंक के अवशोषण को बिगाड़ सकते हैं. खाना पकाने, खासतौर से उबालने या कई घंटों तक पानी में भिगोने जैसे तरीकों से ज्यादा लेक्टिन निष्क्रिय हो सकते हैं.'

राजमा से होने वाली पेट फूलने की दिक्कत से कैसे बचें? | How to avoid the bloating problem caused by kidney beans?

राजमा से होने वाली ब्लोटिंग से बचने के लिए कोच बताते हैं कि आपको राजमा बीन्स को अच्छी तरह से धोना चाहिए और फिर उन्हें 6 से 8 घंटे के लिए भिगो देना चाहिए.

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- इसके बाद पानी निकाल दें और ताजा पानी के साथ अदरक, हींग और जीरा डालें.

- वह बताती हैं कि यह निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर पर दबाव कम करने, आंतों के क्रैम्प्स को कम करने और पेट फूलने और सूजन को रोकने में मदद करता है.

वह आगे सुझाव देती हैं कि आप बीन्स को पकाते समय उनमें नमक भी मिला सकते हैं..

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ऐसा इसलिए है क्योंकि सोडियम बीन्स के अंदर पेक्टिन और कोशिकाओं में मौजूद मैग्नीशियम और कैल्शियम को बाहर निकालने में मदद करता है.

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इंटरनेट यूजर्स इस उपयोगी जानकारी से काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने कमेंट में कई रिएक्शन छोड़े. एक शख्स ने लिखा, "यह एक बढ़िया टिप है! मैं इसे जरूर आजमाऊंगा." एक अन्य ने कमेंट में लिखा, "बेहतरीन जानकारी!" एक तीसरे यूजर ने पूछा, "कृपया बताएं कि आप कौन सा कुकर इस्तेमाल कर रहे हैं."

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आप आमतौर पर राजमा को कैसे भिगोते हैं? नीचे कमेंट सेक्शन में हमें बताएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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