किस दाल को कितने समय तक भिगोकर रखना चाहिए? जानिए सही तरीका, नहीं होगी पेट फूलने की समस्या

Soaking Pulses: अगर आपको भी दाल खाने के बाद पेट फूलना जैसी समस्या होती है तो जान लीजिए कि आपको कौन सी दाल को कितनी देर तक भिगोना चाहिए, जिससे आपको नहीं होगी कोई परेशानी.

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दाल को कितनी देर तक भिगोना चाहिए.

Kaun si Dal Kitni Der Bhigoni Chaiye: दाल को एक कंफर्ट फूड कहा जाता है. दाल को आप किसी भी चीज के साथ कंपेयर कर के खाया जा सकता है. कोई दाल को रोटी के साथ खाना पसंद करता है तो कुछ लोग दाल चावल या फिर दाल की खिचड़ी के दीवाने होते हैं. दाल खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए फायदेमंद होती है. क्या आपने भी सुना है दाल को भिगोकर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है लेकिन क्या आपको पता है कि किस दाल को कितनी देर तक भिगोना चाहिए. दालों को सही तरीके से भिगोना सिर्फ कोई कुकिंग ट्रिक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा कदम है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. दालों को भिगोने से इनमें मौजूद फाइटिक एसिड जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स दूर हो जाते हैं, ये पचने में आसान हो जाती हैं और गैस व ब्लोटिंग जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. आइए यहां जानते हैं अलग-अलग दालों को भिगोने का सही समय ताकि आप उन्हें बेहतर तरीके से पका सकें और पाचन के लिहाज से ज़्यादा फायदेमंद बना सकें.

चना दाल 

चना दाल थोड़ी भारी होती है और इसे थोड़ा लंबा भिगोने सही होता है. आप चना दाल को 1-2 घंटे के लिए भिगो सकते हैं. इससे ये नरम हो जाती है और इसको पकाने में भी कम समय लगता है और खाने के बाद भारीपन भी महसूस नहीं होता है.

काला चना 

काला चना पचाने में थोड़ा कठिन होता है. इसलिए इसे रातभर के लिए लगभग 8-12 घंटो तक भिगोना चाहिए. इससे गैस की समस्या कम होती है. ये पाचन को आसान करता है खासतौर से उन लोगों के लिए जिनका पेट संवेदनशील होता है उनके लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है.

मसूर दाल 

मसूर दाल जल्दी पक जाती है, इसलिए इसको थोड़ी देर भिगोना ही सही होता है. आप इसको 15-20 मिनट के लिए भिगो सकते हैं. मसूर दाल को भिगोने से इसके एंटी न्यूट्रिएंट्स निकल जाते हैं और यह और भी ज्यादा हल्की और पचने में भी आसान बन जाती है.

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मूंग दाल 

मूंग दाल वैसे भी पचने में हल्की होती है, लेकिन इसे थोड़ा भिगोने से इसके ऊपर का स्टार्च हट जाता है जिससे गैस बनने की संभावना कम हो जाती है. आप मूंग दाल को 30 मिनट के लिए भिगो सकते हैं.

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राजमा 

राजमा अगर ठीक से नहीं भिगोया गया हो, तो यह पेट में भारी पड़ सकता है. इसको भिगोने का समय 8-12 घंटे है इसलिए आप इसको रातभर भिगो सकते हैं. ऐसा करने से ये जल्दी पक जाता है और इसमें मौजूद लेक्टिन जैसे प्राकृतिक टॉक्सिन्स निकल जाते हैं. इसके साथ ही पेट में जलन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 

तुअर दाल (अरहर) 

तुअर दाल को भिगोने से ये जल्दी पक जाती है. इसको बनाने से 30 से 45 मिनट के लिए भिगोना सही है. ऐसा करने से ये पाचन तंत्र पर ज़्यादा बोझ नहीं डालती और प्रोटीन की मात्रा बरकरार रहती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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