रोज सुबह लगभग सभी मांओं को ये चिंता रहती है कि बच्चे को टिफिन में क्या दें जो हेल्थ और न्यूट्रिशन से भी भरपूर हो. ऐसे में मां कई बार सलाद बनाकर बच्चों के टिफिन में रख देती हैं. कई बार ऑफिस के लिए भी अगर टिफिन बनाना हो तो उसमें फ्रूट सलाद जैसे हेल्दी ऑप्शन को प्रीफर किया जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सलाद को टिफिन में ले जाना वाकई हेल्दी ऑप्शन है. टिफिन में ज्यादा देर तक कटे फल रखे होने के कारण कहीं ये नुकसान तो नहीं पहुंचाते. तो चलिए जानते हैं इसका सच.
तुरंत बनाया सलाद ही खाना बेहतर-
फलों को काट देने पर ये रोशनी और ऑक्सीजन के सीधे संपर्क में आ जाते हैं जिससे इनमें विटामिन सी कम होने लगता है और उनका रेस्पिरेशन रेट बढ़ जाता है. इस कारण उनमें कार्बनडाई ऑक्साइड रिलीज होती है और शुगर की मात्रा भी बढ़ जाती है. इससे फलों का रंग उसका टेक्श्चर सब कुछ बदल जाता है. इसलिए फलों को काटने के तुरंत बाद खाना सही रहता है. हालांकि अगर फलों को कभी काटने के बाद स्टोर करने की जरूरत पड़े तो सही तापमान और सही कंटेनर होना काफी जरूरी है.
स्टील के लंच बॉक्स का इस्तेमाल करें
ऐसे में कोशिश यहीं करें की अगर सलाद को टिफिन में रखना हो तो उन्हें काटकर न रखें. अगर आपको लंच में सलाद खाना ही है तो आप अपने साथ कटर रख सकते हैं ताकि उसी समय सलाद को काट लिया जाए. बच्चों को स्कूल में सलाद बनाने के लिए कटर नहीं दिया जा सकता. ऐसी स्थिति में आप ध्यान रखें कि लंच बॉक्स स्टील का ही हो. प्लास्टिक के टिफिन में फलों को रखना सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है. मार्केट में मिलने वाले कटे फल, सलाद, फ्रूट एंड वेज सैंडविच जैसी चीजों को भी खाने से बचना चाहिए.
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