National Emblem Row: PM मोदी ने नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था.
National Emblem Row: नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदलने का आरोप लगाया है और इसे तत्काल बदलने की मांग की है. विपक्षी पार्टिंयों का कहना है कि अशोक की लाट के ‘मोहक और राजसी शान वाले' शेरों की जगह उग्र शेरों का चित्रण करके राष्ट्रीय प्रतीक के स्वरूप को बदल दिया गया है.
- केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की एक और 'साजिश' बताया है.
- वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को पूरी तरह से घेरने में लगा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ (Ashoka Pillar new Parliament House) पर शेरों के चरित्र और प्रकृति को पूरी तरह से बदल देना भारत के राष्ट्रीय प्रतीक (National Emblem Row) का अपमान है.' जबकि तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने कहा, 'सच कहा जाए, सत्यमेव जयते से संघीमेव जयते की भावना पूरी हुई है.''
- आम आदमी पार्टी (आप) ने भी ‘उग्र शेरों' की आलोचना की और मंगलवार को कहा कि किसी को भी संवैधानिक विरासत के साथ छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं है. पार्टी ने कहा कि इस तरह की 'छेड़छाड़' से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे देश की संवैधानिक परंपरा को चोट लगती है.
- इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने भी नए संसद भवन की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ पूरी तरह अनावश्यक है और इससे बचा जाना चाहिए. हमारे शेर अति क्रूर और बेचैनी से भरे क्यों दिख रहे हैं? ये अशोक की लाट के शेर हैं जिसे 1950 में स्वतंत्र भारत में अपनाया गया था.
- वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, ‘‘गांधी से गोडसे तक, शान से और शांति से बैठे हमारे शेरों वाले राष्ट्रीय प्रतीक से लेकर सेंट्रल विस्टा में निर्माणाधीन नए संसद भवन की छत पर लगे उग्र तथ दांत दिखाते शेरों वाले नए राष्ट्रीय प्रतीक तक. ये मोदी का नया भारत है.
- वहीं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा के सदस्य अनिल बलूनी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के आरोपों की मूल वजह उनकी कुंठा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में, अंग्रेजों द्वारा 150 साल पहले बनाए गए संसद भवन की जगह भारत अपना नया संसद भवन बना रहा है. विपक्षी दल किसी ना किसी बहाने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाना चाहते हैं. यह लोगों को गुमराह कर वातावरण को दूषित करने का महज एक षड़यंत्र है.
- भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, ‘‘ कोई बदलाव नहीं है. विपक्ष 2डी तस्वीरों की तुलना भव्य 3डी संरचना से कर रहा है.''
- राष्ट्रीय प्रतीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को विपक्ष पर पलटवार करते हुए जोर दिया कि यदि सारनाथ स्थित राष्ट्रीय प्रतीक के आकार को बढ़ाया जाए या नए संसद भवन पर बने प्रतीक के आकार को छोटा किया जाए, तो दोनों में कोई अंतर नहीं होगा.
- बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया था. आयोजित समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश उपस्थित थे.
- विपक्ष ने मोदी पर संविधान के नियमों को तोड़ने और समारोह में विपक्षी नेताओं को आमंत्रित नहीं करने के लिए निशाना साधा था. (भाषा इनपुट के साथ)
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