वित्त मंत्री ने कहा कि साल 2022-23 के लिए वित्तीय घाटा 6.4% रहा है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया. अपना पांचवा और साल 2023-24 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं कीं. मिडिल क्लास के लिए टैक्स में छूट से लेकर जीडीपी, एमएसएमई और रेलवे से जुड़े भी कई बड़े ऐलान किए गए. वित्त मंत्री ने आम बजट 2023 में सात प्राथमिकताओं को सप्तर्षि की अवधारणा पर आधारित बताया.
आपको बताते हैं कि इस बजट में किन 10 बड़ी बातों पर खास फोकस किया गया है:-
- डायरेक्ट इनकम टैक्स (Direct Income Tax): नए टैक्स सिस्टम में अब 7 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा. नए टैक्स सिस्टम में स्लैब को 6 से घटाकर 5 कर दिया गया है. नए स्लैब के मुताबिक 0 से 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 3-6 लाख तक 5%, 6-9 लाख 10%, 9-12 लाख 15%, 12-15 लाख 20% और 15 लाख से ऊपर 30% इनकम टैक्स लगेगा.
- रेलवे से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं: रेलवे के लिए बजट में 2.40 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह राशि 2013-14 के रेल बजट से करीब 9 गुना ज्यादा है. रेलवे की नए योजनाओं के लिए 75,000 करोड़ का बजट रखा गया है. बजट में PSU, ज्वाइंट वेंचर और स्पेशल पर्पज व्हीकल में निवेश के लिए 38686.59 करोड़ रुपये भी रखे गए हैं. वहीं डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के लिए 15,710.44 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
- MSMEs को क्या मिला: वित्त मंत्री ने घोषणा की कि MSMEs के लिए संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी. जिसमें 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यह 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त कोलेटेरल मुक्त क्रेडिट गारंटी को सक्षम करेगा. जो क्रेडिट की लागत को 1% कम करने में मदद करेगा.
- GDP ग्रोथ का लक्ष्य: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनियाभर में वैश्विक मंदी और कोरोना के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान है. ऐसे माहौल में पूरी दुनिया भारत को एक चकमता सितारा के रूप में देख रही है.
- कैपेक्स (Capex) पर जोर: वित्त मंत्री ने FY24 के लिए कैपिटल इन्वेस्टमेंट पर खर्च 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ कर दिया. ये कैपेक्स कुल GDP का 3.3% हिस्सा होगा.
- एग्री सेक्टर (Agriculture) को क्या मिला: एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ किया गया है. पशुपालन, डेयरी और फिशरीज को बढ़ावा देने पर फोकस है. वित्त मंत्री ने कहा कि PM मत्स्य संपदा योजना के तहत एक सब-स्कीम लॉन्च की जाएगी. सब-स्कीम के तहत 6,000 करोड़ का निवेश कर के फिशरीज को बढ़ावा देंगे. 63,000 प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी के कम्प्यूटराइजेशन पर 2,516 का निवेश करेंगे. 'कृषिवर्धक निधि' के जरिए किसानों की चुनौतियां का नए तरीकों से समाधान पेश किया जाएगा. कृषि क्षेत्र में डिजिटल विकास पर जोर दिया जाएगा. इसके तहत किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता दी जाएगी. आत्मनिर्भर बागवानी के लिए स्वच्छ बागवानी कार्यक्रम बनाया जाएगा, इसके लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान है. कपास की खेती के लिए PPP मॉडल को अपनाया जाएगा. युवा उद्यमियों के कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनेगा. मोटे अनाजों को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा. इसके लिए 'भारतीय मिलेट्स संस्थान' का गठन होगा. वहीं मुफ्त अनाज के लिए 2 लाख करोड़ का बजट रखा गया है. गोवर्धन स्कीम के तहत वैकल्पिक फर्टीलाइजर के लिए नई स्कीम लाई जाएगी.
- वित्तीय घाटा (Fiscal Deficit) का अनुमान: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वित्तीय घाटे का अनुमान 5.9% है. वहीं 2022-23 वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटा 6.4% रहा. बजट के एक दिन पहले वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को ही वित्तीय घाटे का आंकड़ा जारी किया था. अप्रैल-दिसंबर के दौरान सरकार का वित्तीय घाटा 9.93 लाख करोड़ रुपये रहा है. जो कि वित्त वर्ष 2023 के बजट अनुमान का 59.8% है. FY24 में ग्रॉस उधारी 15.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
- उधारी (Borrowing) का अनुमान: FY24 में ग्रॉस उधारी 15.43 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. वहीं FY24 में नेट मार्केट उधारी 11.8 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना है. FY24 में उधारी के अलावा कुल रिसीट 27.2 लाख करोड़ रुपये रही है.
- सब्सिडी (Subsidy) पर खर्च: FY24 में फर्टिलाइजर सब्सिडी पर खर्च 1.75 लाख करोड़ रहने का अनुमान है. वहीं FY24 में फूड सब्सिडी पर खर्च 1.97 लाख करोड़ रहने की संभावना है. MNREGA स्कीम के लिए 2023-24 में 60,000 करोड़ का आवंटन किया गया है. MNREGA स्कीम के लिए 2023-24 में आवंटन घटाकर 60,000 करोड़ किया गया. हालांकि FY23 के लिए MNREGA स्कीम पर 89,400 करोड़ के खर्च का अनुमान था.
- विनिवेश (Divestment) का लक्ष्य घटाया: वित्त वर्ष 2023 में विनिवेश के लक्ष्य 65,000 करोड़ से घटाकर 50,000 करोड़ रुपये हो गए. वहीं 2024 में ये लक्ष्य 51,000 करोड़ रुपये का है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
IND vs PAK Champions Trophy 2025: Virat Kohli की शानदार पारी के बाद मिला Man Of The Match का खिताब