Shani Gochar 2022: ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार 13 जुलाई, को शनि देव मकर राशि (Capricorn) में मार्गी होकर प्रवेश किए हैं. शनि देव को न्याय के देवता माना गया है. ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक शनि देव (Shani Dev) की चाल बहुत धीमी होती है. जिस कारण किसी राशि में लंबी अवधि तक गोचर करते हैं. शनि का प्रभाव अन्य ग्रहों की अपेक्षा कहीं अधिक होता है. शनि देव की वक्री चाल 22 अक्टूबर तक रहेगा. वहीं 23 अक्टूबर से 17 जनवरी 2023 तक मार्गी अवस्था में संचरण करेंगे. शनि के इस राशि परिवर्तन से 3 लग्न राशि के जातकों के जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है. आइए जानते हैं शनि के वक्री गोचर का मकर, कुंभ और मीन राशि पर प्रभाव.
शनि का मार्गी गोचर से इन 3 राशयों के लिए है खास | Shani gochar 2022 is special for these 3 zodiac signs
मकर (Capricorn)- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर लग्न में शनि देव (Shani Dev) धन और लग्न के कारक माने जाते हैं. इस राशि में शनि देव शश नामक पंच महापुरुष योग का निर्माण कर रहे हैं. ऐसे में शनि वक्री की अवधि में इस राशि के जातकों का मनोबल ऊंचा रहेगा. सेहत अच्छी रहने की संभावना है. सामाजिक पतिष्ठा में वृद्धि होगी. साथ नेतृत्व क्षमता का विकास होगा. हालांकि जिद्दी स्वभाव के कारण वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है.
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कुंभ (Aquarius)- शनि देव (Shani Dev) इस राशि में लग्नेश होकर परम राजयोग कारक हैं. शनि की वक्री के प्रभाव से इस राशि के संबंधित जातकों को खर्च में बढ़ोतरी होगी. दूर की यात्रा और घर से दूरी बनने के प्रबल आसार हैं. बिजनेस और रोजगार को लेकर विदेश की यात्रा भी करनी पड़ सकती है. शनि की दृष्टि दूसरे भाव पर भी पड़ रहा है. ऐसे में वाणी में कठोरता, परिवार में तनाव और अचानक धन-खर्च की संभावना रहेगी. हालांकि कर्ज से मुक्ति मिल सकती है. इसके अलावा पिता का सानिध्य प्राप्त होगा. परिश्रम का पूरा फल प्राप्त होगा. साल के अंत में प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है.
मीन (Pisces)- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव मीन लग्न वालों के लिए शुभकारक साबित नहीं होते हैं. ये लग्न कुंडली में अपनी स्थति के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं. 13 जुलाई 2022 को हुए शनि के वक्री गोचर से आर्थिक लाभ की संभावना है. बिजनेस में विस्तार के लिए यह समय अनुकूल हो सकता है. साथ ही अचानक खर्च की संभावना भी है. इसके अलावा संतान को लेकर भी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. पठन-पाठन में अवरोध उत्पन्न हो सकता है. सेहत को लेकर परेशान होना पड़ सकता है. मानसिक तनाव हो सकता है. पैर और पेट की समस्या परेशान कर सकती है. ऐसे में शनिवार को शाम के समय काले तिल में गुड़ मिलाकर चींटियों को खिला सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)