Pradosh Vrat 2025: कल है भौम प्रदोष व्रत, यहां जानिए पूजा मुहूर्त, विधि और महत्व

आइए जानते हैं फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के पूजा नियम, मुहूर्त और महत्व. 

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मान्यता है भौम प्रदोष करने से शिव जी और बजरंग बली दोनों की विशेष कृपा मिलती है.

Bhaum pradosh vrat 2025 : हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने और उपवास रखने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही तरक्की के मार्ग में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं. फरवरी माह का आखिरी प्रदोष व्रत कल यानी 25 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा. आपको बता दें कि मंगलवार के दिन पड़ने के कारण यह भौम प्रदोष कहलाएगा. इस दिन शिव जी और बजरंग बली दोनों की कृपा प्राप्त होती है. ऐसे में आइए जानते हैं फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ने वाले प्रदोष व्रत के पूजा नियम, मुहूर्त और महत्व. 

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भौम प्रदोष के दिन शिव पूजा का सही समय - Right time of Shiva Puja on Bhaum Pradosh day

  • इस दिन शिव पूजा आप 6 बजकर 18 मिनट से रात 8 बजकर 49 मिनट के बीच कर सकते हैं. इस समय प्रदोष काल है. 

प्रदोष व्रत पूजा नियम - Pradosh fast worship rules

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. फिर आप शिव जी और बजरंगबली का ध्यान करके व्रत का संकल्प लीजिए. 
  • इसके बाद आप पूजा स्थल को गंगा जल से धुलकर स्वच्छ कर लीजिए. अब आप पूजा स्थल को मंडप की तरह अच्छी तरह सजा लीजिए.
  • अब शिव जी और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करिए.  फिर 5 रंगों से रंगोली बनाकर दीपक जलाएं. 
  • इसके बाद आसन बिछाएं और पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाइए.
  • अब आप भगवान शिव का जलाभिषेक करें. इस दिन संभव हो तो शिव मंदिर जरूर जाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और बेलपत्र अर्पित करें. 
  • शाम में फिर स्नान करके भगवान शिव की पूजा करें और प्रदोष व्रत की कथा सुनिए और अंत में आरती करके भगवान को भोग लगाएं और प्रसाद वितरित करें. 

भौम प्रदोष व्रत का महत्व - significance of Bhauma Pradosh fast

  • मान्यता है भौम प्रदोष करने से शिव जी और बजरंगबली दोनों की विशेष कृपा मिलती है. कहा जाता है यह व्रत करने से शरीर से जुड़ी गंभीर बीमारियां ठीक होती हैं. साथ ही कर्ज से भी राहत मिलती है. \
  • यह उपवास करने से मानसिक शांति मिलती है. साथ ही अगर कुंडली में चंद्र दोष है, तो वो भी दूर होता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


 

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