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साइंस- टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत, आत्मविश्वास की कमी: UNESCO

Women's in Technology: यूनेस्को की रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्लोबल लेवल पर महिलाओं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत है.

साइंस- टेक्नोलॉजी और इंजीनियरिंग में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत, आत्मविश्वास की कमी: UNESCO
नई दिल्ली:

Women's in Technology: यूनेस्को की वैश्विक शिक्षा निगरानी (GEM) टीम के अनुसार, दुनिया भर में साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) ग्रेजुएट करने में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत है, पिछले 10 सालों में इसमें बहुत कम सुधार दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में लड़कियों के बीच गणित में लगातार कम आत्मविश्वास और लिंग संबंधी रूढ़िवादिता को इन क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को सीमित करने वाली प्रमुख बाधाओं के रूप में सामने आया है. जीईएम टीम, जो शिक्षा में वैश्विक रुझानों और प्रगति पर नजर रखती है, ने यह भी नोट किया कि चल रहे डिजिटल परिवर्तन मुख्य रूप से पुरुषों के हाथ में लीडरशिप है. महिलाएं वर्तमान में डेटा साइंस और आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस (AI) में कार्यबल का केवल 26 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं.

महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी की वजह रुढ़िवादिता

GEM टीम के एक सदस्य ने पीटीआई को बताया, "2018-23 कि डेटा से पता चलता है कि ग्लोबल लेवल पर महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 35 प्रतिशत है, पिछले 10 वर्षों में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसका एक हिस्सा इस तथ्य से समझाया जा सकता है कि लड़कियों का गणित में आत्मविश्वास जल्दी ही खत्म हो जाता है, भले ही वे अच्छा प्रदर्शन करें. इसका एक हिस्सा नकारात्मक लिंग रूढ़िवादिता से भी समझाया जा सकता है जो महिलाओं को एसटीईएम करियर बनाने से रोकता है."

इन क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी इतनी प्रतिशत

यूरोपीय संघ में IT की डिग्री प्राप्त करने वाली चार में से केवल एक महिला ने डिजिटल बिजनेस को अपनाया, जबकि दो में से एक पुरुष ने ऐसा किया. डिजिटल परिवर्तन का लीडरशिप पुरुषों द्वारा किया जा रहा है. अधिकारी ने कहा कि दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 26 प्रतिशत, इंजीनियरिंग में 15 प्रतिशत और क्लाउड कंप्यूटिंग में 12 प्रतिशत है. यह समाज के लिए नुकसानदायक है". टीम ने पाया है कि ग्लोबल लेवल पर 68 प्रतिशत देशों में STEM शिक्षा का समर्थन करने वाली नीतियां हैं, लेकिन इनमें से केवल आधी नीतियां ही खासकर लड़कियों और महिलाओं को लक्षित करती हैं.

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