नई दिल्ली:
दरभंगा से लोकसभा सांसद गोपाल ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि बिहार में मैथिली भाषा में कक्षा पांचवी तक पाठ्यक्रम तैयार किया जा सकता है. आठवीं कक्षा तक अलग विषय के रूप में मैथिली भाषा ली जा सकती है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नई शिक्षा नीति के तहत ऐसा किया जा सकता है. मैथिली भाषा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग लंबे समय से होती रही है.
बताते चलें कि सीबीएसई स्कूल कक्षा आठ तक NCERT द्वारा तैयार पाठ्यक्रम का संचालन करते हैं. गौरतलब है कि
शिक्षा समवर्ती सूची में शामिल है इसलिए संबंधित राज्य/यूटी क्षेत्रीय भाषा में उपयुक्त पाठ्यक्रम विकसित कर सकते हैं.
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