हिंदू देवी-देवताओं (Hindu deities) के कथित अपमान मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam)के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. देश के 100 से भी अधिक प्रबुद्ध नागरिकों ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर यह मांग की है. पत्र में लिखा गया है कि गौतम ने बतौर मंत्री एक ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लिया जिसमें यह शपथ ली गई कि भगवान विष्णु, महेश और ब्रह्मा की पूजा नहीं करेंगे. गौतम यह भूल गए कि भगवान बुद्ध की हिंदू भी पूजा करते हैं और उन्हें अवतार माना जाता है.
पत्र में कहा गया है कि भारतीय लोकतंत्र में धर्म निजी आस्था का विषय है और हर व्यक्ति को अपनी पसंद के हिसाब से पूजा करने का अधिकार है लेकिन सार्वजनिक रूप से किसी भी धर्म को नीचा दिखाने का अधिकार किसी को नहीं है. इस लिहाज से गौतम का व्यवहार न केवल निंदनीय है बल्कि आपराधिक भी है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. पत्र लिखने वालों में यूपी के पू्र्व डीजीपी विक्रम सिंह, पश्चिम बंगाल के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव एमएल मीणा समेत 163 पूर्व आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, और सैन्य अधिकारी शामिल हैं.
गौरतलब है कि विजयादशमी के दिन दिल्ली के करोल बाग में आयोजित बौद्ध महासभा कार्यक्रम में राजेंद्र पाल गौतम पर हिंदू देवी-देवताओं (Hindu deities) के अपमान का आरोप लगा था उनकी मौजूदगी में हजारों लोगों का 'राम-कृष्ण' को भगवान न मानने और कभी पूजा न करने की शपथ लेने का वीडियो भी सामने आया था. जिसके बीजेपी ने कहा था कि यह बौद्ध और हिंदू धर्म मानने वालों को लड़वाने की कोशिश है. पार्टी ने राजेंद्र गौतम से हिंदू समाज से माफी मांगने की भी मांग की थी. विवाद में फंसने के बाद गौतम दिल्ली को सरकार के समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
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