VIDEO: गाजीपुर बॉर्डर NH 24 के नीचे वाली सर्विस लेन से किसानों ने हटाया अपना सामान

किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवाया. सबसे पहले किसानों ने इसी रास्ते को रोका था. जनता की सहूलियत के लिहाज से सर्विस लेन खोलने का फैसला किया गया है.

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NH 24 के नीचे वाली सर्विस लेन को खुलवाते हुए किसान नेता राकेश टिकैत

नई दिल्‍ली:

गाजियाबाद, नोएडा से रोजाना दिल्‍ली जाने वाले लोगों के लिए अच्‍छी खबर है. किसानों ने गाजीपुर बार्डर नेशनल हाईवे 24 के नीचे वाली सर्विस लेन खोल दी है. किसानों आंदोलन के चलते एक वर्ष से अधिक समय से यह मार्ग बंद था जिससे दिल्‍ली जाने लोगों को रोज ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा था. किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खुद खुलवाया. गाजीपुर बॉर्डर से किसान हट रहे हैं. उन्‍होंने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया है.  किसानों का अब यह कहना है कि सड़क को उन्‍होंने बंद नहीं किया है बल्कि पुलिस ने इसे बंद कर रखा था. किसान अब सामान हटा रहे हैं और वे यह कह रहे हैं कि रास्‍ते को अब उन्‍होंने बंद नहीं किया है, अब यह पुलिस की ओर से ही बंद है. गौरतलब है कि सबसे पहले किसानों ने इसी रास्ते को रोका था. जनता की सहूलियत के लिहाज से सर्विस लेन खोलने का फैसला किया गया है. सर्विस लेन बंद होने से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद यह फैसला किया गया. 

उधर, किसानों के विरोध-प्रदर्शन के चलते हाई-वे जाम करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इस दौरान किसानों की ओर से कोर्ट से अनुरोध किया गया कि मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद हो. किसानों की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे पैरवी कर रहे थे, जबकि सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता थे. नवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कानून पहले से तय है और रास्ता नहीं रोका जाना चाहिए.

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इस पर किसानों के वकील दवे ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 2020 में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने आदेश दिया था कि विरोध-प्रदर्शन को ना हटाया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा, 'लेकिन सड़क को ब्लॉक भी नहीं किया जा सकता है.'खंडपीठ ने कहा, "आप किसी भी तरह विरोध करिए लेकिन इस तरह सड़क रोक कर नहीं रख सकते. कानून पहले से तय है. हमें क्या बार-बार यही बताना होगा." जस्टिस एसके कौल ने कहा, सड़कें साफ होनी चाहिए. हम बार-बार कानून तय करते नहीं रह सकते. आपको आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन सड़क जाम नहीं कर सकते."उन्‍होंने कहा, "अब कुछ समाधान निकालना होगा. मामला विचाराधीन होने पर भी उन्हें विरोध करने का अधिकार है लेकिन सड़कों को जाम नहीं किया जा सकता. उन सड़कों पर लोगों को आना-जाना पड़ता है. हमें सड़क जाम के मुद्दे से समस्या है." 

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