केजरीवाल शासन मॉडल की सराहना करना अपराध नहीं माना जाना चाहिए: 'आप' का बीजेपी पर तंज

आम आदमी पार्टी ने कहा कि एलजी ने अपने आदेशों के जरिए जिन 400 लोगों को बर्खास्त करने की मांग की है, उन सभी को संबंधित विभागों के विशिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन के बाद नियुक्त किया गया है.  किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि जो दिल्ली सरकार के संविदा कर्मचारी हैं, उनके सोशल मीडिया पोस्ट या लाइक के आधार पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. CM अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली में 54% वोट शेयर है, यह स्वाभाविक है कि उन्हें ऑनलाइन और जमीनी स्तर, दोनों जगह काफी सराहना मिल रही है. उनके शासन मॉडल की सराहना करना अपराध नहीं माना जाना चाहिए' हालांकि, बीजेपी के मुताबिक, जो कोई भी सोशल मीडिया पर सीएम अरविंद केजरीवाल के काम की सराहना करता है, उसे दिल्ली सरकार में काम करने का कोई अधिकार नहीं है और केवल बीजेपी समर्थकों को ही दिल्ली सरकार में काम करना चाहिए.

आम आदमी पार्टी ने कहा कि एलजी ने अपने आदेशों के जरिए जिन 400 लोगों को बर्खास्त करने की मांग की है, उन सभी को संबंधित विभागों के विशिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन के बाद नियुक्त किया गया है.  किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड या डीटीसी जैसे स्वतंत्र निकायों के अपने नियम और कानून हैं, जो उनके बोर्डों को उचित प्रक्रिया के बाद अधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार देते हैं, जिसका उन नियुक्तियों में भी पालन किया गया है. एलजी के पास इन नियुक्तियों में हस्तक्षेप करने या उन्हें समाप्त करने का कोई अधिकार नहीं है.

आम आदमी पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "दिल्ली सरकार या आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. उदाहरण के लिए, 2019 तक एक रुपये के मामूली वेतन पर उपमुख्यमंत्री कार्यालय में सलाहकार के रूप में काम करने वाली निशा सिंह अब सरकार से जुड़ी नहीं हैं. इसी तरह, प्रियदर्शिनी सिंह, जिनके बारे में भाजपा दावा करती है कि वह हरियाणा की आप कार्यकर्ता हैं, का दिल्ली सरकार से कोई संबंध नहीं है.

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