क्रिप्टोकरेंसी बिल टाल सकती है सरकार, अभी तक नहीं मिली है कैबिनेट की मंजूरी : रिपोर्ट

मोदी सरकार डिजिटल करेंसी को विनियमित करने के मुद्दे पर और विस्तृत तौर पर सलाह लेना चाहती है, और इसमें उतना टाइम लग सकता है कि 23 दिसंबर यानी कि जब शीतकालीन सत्र खत्म हो रहा है, तबतक चीजें फाइनल नहीं हो पाएंगी.

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Cryptocurrency Bill : संसद के इस सत्र में क्रिप्टो बिल को टाल सकती है सरकार. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) को लेकर लगातार अटकलें लग रही हैं. ऐसा कहा जा रहा था कि सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही अपना यह बिल पेश करेगी, लेकिन शीतकालीन सत्र में बस अब तीन से चार दिन और रह गए हैं. इस बीच एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सरकार शायद ही इस सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाएगी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इस विधेयक की कुछ डिटेल्स को फाइनलाइज नहीं कर पाई है, ऐसे में संभव है कि क्रिप्टोकरेंसी बिल इस संसद सत्र में न पेश किया जाए.

Bloomberg की एक रिपोर्ट में मामले की जानकारी रखने वालों के हवाले से कहा गया है कि मोदी सरकार डिजिटल करेंसी को विनियमित करने के मुद्दे पर और विस्तृत तौर पर सलाह लेना चाहती है, और इसमें उतना टाइम लग सकता है कि 23 दिसंबर यानी कि जब शीतकालीन सत्र खत्म हो रहा है, तबतक चीजें फाइनल नहीं हो पाएंगी. ऊपर से केंद्रीय कैबिनेट ने भी विधेयक को अपनी मंजूरी नहीं दी है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, शीतकालीन सत्र के आखिरी सत्र में सदन में होने वाले काम की लिस्ट से क्रिप्टोकरेंसी बिल को हटा दिया गया है. हालांकि, ऐसी खबरें भी चल रही हैं कि सरकार संसद न चलने की स्थिति के बावजूद यह बिल अध्यादेश के जरिए ला सकती है.

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बता दें कि लोकसभा की साइट पर जब क्रिप्टोकरेंसी बिल को संसद के कार्यवाही में लिस्ट किया गया था तो इसमें कहा गया था कि देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान लाया जाएगा. हालांकि, ऐसा भी कहा गया था कि इसमें कुछ अपवाद भी रखे जाएंगे, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग से जुड़ी तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है.

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अब तक के अपडेट के मुताबिक, सरकार इस बिल के जरिए एक सरकारी डिजिटल करेंसी लाने का रास्ता भी सुनिश्चित करेगी. जानकारी है कि बिल में आरबीआई की ओर से ऑफिशियल डिजिटल करेंसी (डिजिटल रुपया) जारी करने के लिए एक ग्राउंडवर्क तैयार किया जाएगा, वहीं एक 'डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी' यानी विकेंद्रित बहीखाता तैयार करने के लिए एक फ्रेमवर्क की नींव रखी जाएगी. इस करेंसी को आरबीआई एक्ट के तहत रेगुलेट किया जाएगा.

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ये भी जानकारी आ रही थी कि सरकार क्रिप्टो बिल लाकर क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो असेट के तौर पर परिभाषित कर सकती है और इसको करेंसी के विकल्प या रेमिटेंस के लिए पेमेंट सिस्टम के तौर पर इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर सकती है. 

देखना है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर अब क्या रास्ता अख्तियार करती है.

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