मिजोरम की राजधानी आइजोल की एक विशेष अदालत ने बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री जोरामथांगा के छोटे भाई समेत छह लोगों को भ्रष्टाचार के एक मामले में एक साल की कैद की सजा सुनाई.
इन छह लोगों को विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के न्यायाधीश एचटीसी लालरिंछाना ने फर्जी भूमि पास और प्राधिकरण पत्र बनाकर गलत दावों के माध्यम से सरकारी मुआवजा प्राप्त करने के लिए दोषी ठहराया .
असम सीमा पर कोबालसिब जिले के सैपुम गांव के पास तुइरियाल नदी पर 60 मेगावाट की पनबिजली परियोजना के निर्माण के कारण पानी से डूबी भूमि के लिए दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि का मुआवजा दिया गया था .
इन दोषियों में आइजोल के रहने वाले सी वनलालछुआना, सईथांगा, सी रोखुमी, लालदुहामा और पीसी ललथाजोवी तथा चम्फई शहर के के लालरावना शामिल हैं .
राजधानी आइजोल में इलेक्ट्रिक वेंग के रहने वाले वनलालछुआना प्रदेश के मुख्यमंत्री जोरमथांगा के छोटे भाई हैं.
इन आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 तथा 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया .
इस मामले में हालांकि अदालत ने दो अन्य आरोपियों आइजोल जिले के तत्कालीन सहायक उपायुक्त एच लियानजेला और साइपुम ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष लालरिनसंगा को बरी कर दिया, क्योंकि जांच एजेंसी इनके खिलाफ पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई.